बड़ी खबर :20 हजार स्व सहायता समूहों को क्षणिक राहत ,मार्च तक रेडी टू ईट तैयार करेंगी स्व सहायता समूह ,हाईकोर्ट में प्रकरण विचाराधीन होने की वजह से शासन ने लिया निर्णय

0 फरवरी से बीज निगम की स्थापित इकाइयों को स्वचलित मशीनों से तैयार रेडी टू ईट पहुंचाना था,अब दो माह करना होगा इंतजार

रायपुर  20 जनवरी (वेदांत समाचार)। । पूरक पोषण आहार व्यवस्था अंतर्गत रेडी टू ईट फ़ूड निर्माण एवं वितरण का कार्य कर रहीं प्रदेश के 20 हजार महिला स्व सहायता समूहों को थोड़ी राहत मिली है। बीज निगम के इकाइयों के स्वचलित मशीन से रेडी टू ईट का निर्माण करने संबंधी शासन के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई नहीं हुए होने की वजह से महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने वित्तीय वर्ष की समाप्ति 31 मार्च तक रेडी टू ईट के लिए वर्तमान प्रचलित व्यवस्था का विस्तार कर दिया है। अब फरवरी मार्च माह में स्व सहायता समूह ही रेडी टू ईट के वितरण का कार्य करेंगी।

यहां बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने कैबिनेट में लिए गए निर्णय अनुसार 1 फरवरी से राज्य बीज निगम की स्थापित इकाईयों के माध्यम से स्वचलित मशीनों के माध्यम से रेडी टू ईट का उत्पादन करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाईन का हवाला दिया था जिसमें मानव स्पर्श रहित गुणवत्ता युक्त आवश्यक पोषक तत्वों से भरे रेडी टू ईट बच्चों की सेहत के लिए उपयुक्त बताया गया है। हालांकि सरकार के इस फैसले से पिछले करीब डेढ़ दशक से रेडी टू ईट का निर्माण कर रहीं स्व सहायता समूह के हाथों से रोजगार छीन जाएगा। 20 हजार से अधिक महिलाएं सीधे तौर पर इससे प्रभावित होंगी।लाखों रुपए कर्ज लेकर विषम परिस्थितियों में भी स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने योजना का सुचारू संचालन किया। शासन के फैसले के खिलाफ कवर्धा ,कोरबा ,सूरजपुर सहित कई जिलों में रैली निकाल कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध जताया गया। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम आदेश को वापस लेने ज्ञापन सौंपा गया। विपक्षी दल भाजपा भी सत्ता पक्ष के इस निर्णय को लेकर हमलावर रही। सदन में हंगामा व बहिर्गमन तक किया गया। केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने सीधे खुले मंच से मुख्यमंत्री पर चहेतों को काम देने 20 हजार महिलाओं को बेरोजगार करने के गम्भीर आरोप लगाए। इधर शासन के फैसले के विरुद्ध स्व सहायता समूहों ने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल कर दी। इस मामले में 27 जनवरी को अंतिम सुनवाई होनी है। बीज निगम की स्थापित इकाइयों को 25 जनवरी तक स्वचलित मशीनों से रेडी टू ईट तैयार कर वितरण के लिए संबंधित जिलों में देना था। लेकिन हाईकोर्ट में याचिका लगे होने की वजह से वो जोखिम नहीं उठा सकी। जिसे देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने वित्तीय वर्ष की समाप्ति 31 मार्च तक रेडी टू ईट के लिए वर्तमान प्रचलित व्यवस्था का विस्तार कर दिया है।सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं।स्व सहायता समूहों की आशाएं भी इस आदेश के साथ बढ़ने लगी है।

फरवरी के पहले सप्ताह में पोषण आहार पहुंचाने की होगी चुनौती

शासन के इस आदेश से स्व सहायता समूहों को थोड़ी राहत तो जरूर मिल गई पर इसका लाभ हितग्राहियों को कितना और किस तरह मिलेगा यह देखने वाली वात होगी। पिछले दो माह से पूरे प्रदेश में स्व सहायता समूहों ने कई जगह मनमाने ढंग से रेडी टू ईट का वितरण किया है। प्रत्येक मंगलवार की जगह एक दो मंगलवार को ही रेडी टू ईट का वितरण किया गया। महज 2 माह निर्माण कार्य की सेवाएं बचे होने की वजह से अधिकारी भी दबाव नहीं बना सके। अब जारी आदेश में महज 2 माह के लिए वर्तमान प्रचलित व्यवस्था का विस्तार किया गया है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि कोरोना के तीसरी लहर के बीच कितनी ईमानदारी से रेडी टू ईट तैयार स्व सहायता समूह पहुंचाती हैं। और अधिकारी किस तरह समूहों की मॉनिटरिंग व उन पर नियंत्रण रखते हैं। वैसे भी फरवरी माह का पहला मंगलवार 1 फरवरी को ही पड़ रहा ,लिहाजा पहले मंगलवार को इतने कम समय में हितग्राहियों तक रेडी टू ईट पहुंचाना चुनौती होगी।