भोपाल। 16 जनवरी (वेदांत समाचार)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण पर लगी रोक को हटवाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को खाली पदों की रिपोर्ट रख सकती है। प्रदेश में 21 हजार 975 अन्य पिछड़ा वर्ग के पद रिक्त हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने यह जानकारी जुटाई है। वहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं के साथ की जानकारी तैयार करा रहा है। जिलों ने यह जानकारी पंचायतवार जुटाई है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि पिछड़ा वर्ग को उनका हक दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सभी तथ्य प्रस्तुत किए जाएंगे।
पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का मुद्दा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के समय से गरमाया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों को अनारक्षित (सामान्य) में परिवर्तित करके चुनाव कराने के आदेश राज्य निर्वाचन आयोग को दिए थे। आयोग ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से आरक्षित पदों को पुन: अधिसूचित करने के लिए कहा पर सरकार ने उस अध्यादेश्ा को ही वापस ले लिया, जिसके आधार पर पंचायत चुनाव कराए जा रहे थे।
इस आधार पर आयोग ने भी पंचायत चुनाव के कार्यक्रम को निरस्त कर दिया और अब सरकार नए सिरे से पंचायतों का परिसीमन करा रही है। इसके बाद आरक्षण की प्रक्रिया होगी और फिर चुनाव कराए जाएंगे। इस सबके बीच सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण देने के लिए जो प्रक्रिया करने के लिए कहा है, उसके अनुसार पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की जानकारी जुटाई गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग एक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने पंचायतवार यह आंकड़ा कलेक्टरों से बुला लिया है और इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।
वहीं, पिछले दो पंचायत में अनारक्षित पदों पर कितने पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति चुनाव जीते, यह जानकारी भी जुटाई गई है। इसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह जानकारी रखी जाएगी कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं मिलने से उनकी भागीदारी क्या रहती है। इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग की स्थिति को लेकर भी रिपोर्ट तैयार की है।
इसके अनुसार पिछड़ा वर्ग के 21 हजार 975 पद रिक्त हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार विशेष अभियान भी चला रही है। ओबीसी एकता मंच के अध्यक्ष लोकेन्द्र गुर्जर का कहना है कि हम भी सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को ओबीसी आरक्षण व्यवस्था को जारी रखने के पक्ष में अपनी बात रखेंगे।
सरकार ने पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया है। इसका अध्यक्ष पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन को बनाया गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पंचायतवार बुलाए गए मतदाताओं के आंकड़े और पिछले दो चुनाव में अनारक्षित पद पर निर्वाचत ओबीसी वर्ग की जानकारी आयोग को देगा। आयोग इसके आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करके अनुशंसा सहित सरकार को देगी। इसके आधार पर सरकार पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं बनाएगी।
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