इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने नेशनल स्टार्ट-अप डे के उपलक्ष्य में प्रस्तुत की अपनी भावी योजनाएं

⭕ बनाएं एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक मॉडल ।

⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने अपने नेशनल स्टार्ट-अप स्कीम में पर्यावरण के प्रति चिंता जताई साथ ही स्मार्ट-सिटी का वैज्ञानिक मॉडल भी बनाया ।

⭕ नेशनल स्टार्ट-अप डे के उपलक्ष्य में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में आयोजित हुआ वर्चुअल सेमीनार ।

⭕ विज्ञान के बिना किसी कार्य के पूर्ण होने की कल्पना करते हैं तो यह व्यर्थ है-डॉ. संजय गुप्ता

⭕ देश के सभी युवाओं को अपने विचार व ऊर्जा को नित नए प्रयोग हेतु समर्पित करना चाहिए-डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा 16 जनवरी (वेदांत समाचार)। आज तेजी से बदलती दुनिया में यदि हमारे पास योजनाएं और इनोवेटिव आइडियाज नहीं है तो समझिए हम किसी से भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगें और हम बहुत पीछे रह जाएंगें । यदि दुनिया से कदम मिलाकर चलना है तो हमें एक कदम आगे सोचना होगा और दुनिया को अपनी खोज व योजनाओं से रूबरू कराना ही होगा । क्येंकि जो आज समय के साथ-साथ खुद को अपडेट व अपग्रेट नहीं करेगा वह बहुत पीछे रह जाएगा या अतीत बन जाएगा ।


वास्तव में स्टार्ट-अप नवप्रवर्तन पर आधारित किसी व्यवसाय का विचार आने से लेकर उसे वास्तविक रूप में स्थापित करने की संपूर्ण प्रक्रिया है । स्टार्ट-अप में इनोवेशन और युनिकनेस का होना जरूरी है । हमें तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल कर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए । हमें स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए युनिक आइडिया, प्लानिंग और शिक्षा का होना अनिवार्य है । अगर हम यह कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि हमेशा स्टार्ट-अप एक आइडिया के साथ ही प्रारंभ होता है ।
उपरोक्त सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों द्वारा वर्चुवल स्टार्ट-अप डे मनाया गया । यह हम सभी के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को नेशनल स्टार्ट-अप डे के रूप में मनाने की घोषणा की । इसी उपलक्ष्य में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने अपनी भावी स्टार्ट-अप योजना के तहत अनेक आकर्षक एवं क्रियाशील वैज्ञानिक मॉडल बनाए ।


इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों ने सेफ एण्ड इको फ्रेंडली स्मार्ट सिटी का बहुत ही सुंदर मॉडल प्रस्तुत किया जिसमें लोगों की प्रत्येक सुविधाओं का तो खयाल रखा ही गया था साथ ही विज्ञान के तकनीकी, अध्यात्म तथा हरित व सुरक्षित पर्यावरण का भी ध्यान रखा गया । विद्यार्थियों ने पानी की सुरक्षा व शुध्दिकरण को ध्यान में रखते हुए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के भी अनेक क्रियाशील मॉडल बनाएं साथ ही घर को चोरों से सुरक्षित रखने हेतु स्वचालित सेंसर युक्त बल भी बनाकर प्रस्तुत किए । कई विद्यार्थियों ने जल, थल, वायु सहित अंतरिक्ष में फैलने वाले प्रदूषणों पर भी अपनी चिंता जताते हुए मॉडल प्रस्तुत किए । वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों ने भी कम लागत में अधिक मुनाफा से संबंधित अपने विभिन्न मॉडल प्रस्तुत किए । वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों ने लोगों की सुविधा और बाजार के जोखिम के बारे में भी चर्चा की ।


कला संकाय के विद्यार्थियों ने भी विभिन्न क्षेत्रों में जैसे-राजनैतिक, सामाजिक क्षेत्रों में अपनी स्टार्ट-अप योजनाओं के बारे में बातचीत की । विद्यार्थियों ने बताया कि किस तरह हम तकनीकी का इस्तेमाल करके सोशल प्लेटफार्म का उपयोग कर आसानी से लोगों तक पहुँचकर किसी भी मुद्दों पर उनकी राय लें सकते हैं और अपनी राय साझा कर सकते हैं ।


विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज के युग में हमें हर कदम पर तकनीकी की आवश्यकता है । यदि हम आज विज्ञान के बिना किसी कार्य के पूर्ण होने की कल्पना करते हैं तो यह व्यर्थ है ।यदि आज लोगों के मध्य अपनी पहचान बरकरार रखना है तो हमें नित-प्रतिदिन कुछ अलग व उम्दा सोचना व करना होगा । आज इस तीव्र गति से परिवर्तित विश्व में रोज नई-नई चीजें जानने व सीखने को मिलती है जो कभी-कभी कल्पनाओं से परे भी होता है । अतः हमें अपनी नई सोच व ऊर्जा तथा उत्साह को सामंजस्य से लोगों के मध्य कुछ नया लाना होगा जिससे हमारे साथ ही साथ आम जनता का भी हित हो । हमारे देश के सभी युवाओं को अपने विचार व ऊर्जा को नित नए प्रयोग हेतु समर्पित करना चाहिए ।