नई दिल्ली, डेस्क। इसमें तो कोई शक नहीं है कि विराट कोहली अगर चाहते तो वो अगले कुछ वक्त तक भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी कर सकते थे, लेकिन शायद अपनी बल्लेबाजी को लेकर चिंतित कोहली ने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। अब विराट कोहली भारतीय टीम के लिए बतौर बल्लेबाज बिना किसी दवाब के ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। आपको याद दिला दें कि पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी साल 2000 में भारतीय टीम की कप्तानी छोड़ दी थी क्योंकि इसका असर उनकी बल्लेबाजी पर पड़ा था और फिर वो 13 साल तक भारत के लिए खेलते रहे।
विराट कोहली के टेस्ट कप्तान छोड़ने के बाद बीसीसीआइ और उसके अधिकारियों ने उन्हें आगे के भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी साथ ही बतौर कप्तान उन्होंने देश के लिए जो किया उसकी भी सराहना की। वहीं बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि विराट कोहली पर टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने को लेकर किसी भी तरह का कोई दवाब नहीं था। उन्होंने कहा कि वो अभी दो-तीन साल भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी कर सकते थे। धूमल ने न्यूज 18 के हवाले से कहा कि विराट कोहली पर बीसीसीआइ की तरफ से या फिर चयनकर्ता की तरफ से कप्तानी पद छोड़ने को लेकर कोई दवाब नहीं था। ये पूरी तरह से उनका फैसला है जिसका हम सम्मान करते हैं, लेकिन वो चाहते तो टेस्ट कप्तान के तौर पर दो-तीन साल तक टीम को और आगे ले जा सकते थे।
आपको बता दें कि विराट कोहली ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद शनिवार को सोशल मीडिया के जरिए टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का एलान किया था। अपने पोस्ट में उन्होंने बीसीसीआइ का धन्यवाद अदा किया और कहा कि उन्हें जो देश का नेतृत्व करने का मौका मिला इसके लिए वो आभारी रहेंगे। वहीं उन्होंने पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री का भी धन्यवाद अदा किया और आखिरी में एमएस धौनी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कप्तानी पर माही ने भरोसा जताया था।
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