ट्रेन में बिना वजह अलार्म चेन का प्रयोग आपको पड़ सकता है भारी, कभी नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

ट्रेन में बिना वजह अलार्म (Train alarm chain) चेन खींचना रेलवे की दुनिया में बड़ा अपराध (legal offence) माना जाता है. अलार्म का इस्तेमाल (chain pulling) इमरजेंसी में होना चाहिए, इसे मजाक बनाना यात्री के लिए महंगा पड़ सकता है. रेलवे (Indian Railway) के रूल बुक में बिना किसी वाजिब कारण के अलार्म चेन खींचना संगीन कृत्य की श्रेणी में आता है. इस काम का दोषी पाए जाने पर यात्री पर आर्थिक दंड के साथ कारावास की सजा भी हो सकती है. यहां तक कि भविष्य में दोषी अपराधी सरकारी नौकरी से वंचित हो सकता है.

रेलवे के रूल बुक में बताया गया है कि अगर कोई यात्री बिना किसी वैध कारण के ट्रेन का चेन पुलिंग करता है, तो यह कानूनी अपराध की श्रेणी में आएगा. यात्रियों को कई बार इस कानून के बारे में जानकारी नहीं होती और वे बार-बार गलती कर बैठते हैं. रेलवे के कई रूट चेन पुलिंक के लिए विख्यात हैं और रेलवे को बोर्ड पर यह सूचना लिखनी पड़ती है कि चेन खींचने की वजह से ट्रेन अपने नियत समय से देर हो सकती है. यात्री कई बार अपने गांव और मोहल्ले के सामने ट्रेन रोक कर उतरते हैं. कई बार बेटिकट होने पर पुलिस के डर से स्टेशन से पहले ही चेन पुलिंग कर उतर जाते हैं. इससे ट्रेन का समय खराब होता है और अन्य यात्रियों की परेशानी बढ़ती है.

अवैध चेन पुलिंग के कई नुकसान हैं. इससे रेलवे को भारी वित्तीय क्षति होती है. इससे ट्रेन के बेपटरी होने का भी खतरा होता है. आइए जानते हैं कि किन परिस्थितियों में चेन खींचना वैध माना जाता है-

  1. अगर कोई व्यक्ति या बच्चा ट्रेन से छूट जाए
  2. अगर ट्रेन में आग लग जाए
  3. कोई बुजुर्ग या असक्त व्यक्ति ट्रेन पर चढ़ रहा हो और अचानक गाड़ी खुल जाए
  4. ट्रेन की बोगी में किसी की तबीयत अचानक खराब हो जाए (जैसे दिल का दौरा पड़ जाए)
  5. ट्रेन में अगर झपटमारी, चोरी या डकैती की वारदात हो जाए

इन वाजिब कारण के अलावा अगर कोई यात्री खेल-खेल में अलार्म खींचे, घर के सामने उतरने के लिए चेन पुलिंग करे तो यह संगीन अपराध में आता है. बिना किसी इमरजेंसी के चेन खींचना रेलवे एक्ट के सेक्शन 141 में आता है. अगर कोई यात्री रेलवे कानून के इस सेक्शन का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ 1000 रुपये का जुर्माना लगेगा या 1 साल कारावास की सजा हो सकती है.

नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

रेलवे ने हाल के वर्ष में चेन पुलिंग के नियम में बदलाव किया है. इसके बावजूद लोग इस अवैध काम से बाज नहीं आते. अगर कोई व्यक्ति एक बार से अधिक चेन पुलिंग का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ आर्थिक दंड होगा और उसे जेल की सजा भी हो सकती है. इस व्यक्ति का नाम पुलिस थाने की आपराधिक डायरी में दर्ज हो सकता है. बाद में इस नाम को डीसीआरबी में भेजा सकता है. ऐसी स्थिति में सरकारी नौकरी लेते वक्त कैरेक्टर सर्टिफिकेट लेने में दिक्कत आ सकती है.

पहले सामान्य तौर पर चेन पुलिंग करने वाले अपराधी को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स या RPF रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश करती थी. मजिस्ट्रेट 500 रुपये का जुर्माना लगाकर अपराधी को छोड़ देता था. लेकिन नए नियम में आरपीएफ को चेन पुलिंग करने वाले व्यक्ति के खिलाफ मजिस्ट्रेट के समक्ष चार्जशीट दाखिल करनी होती है. इसके साथ रेलवे को हुए नुकसान की पूरी डिटेल बतानी होती है. इस आधार पर मजिस्ट्रेट सजा और आर्थिक दंड का हिसाब लगाता है और फैसला करता है.