बंगाल में कोरोना के बढ़ते मामले (West Bengal Corona Update) के मद्देनजर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का बंगाल दौरा भी स्थगित हो गया है. इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल आने की बात थी, लेकिन कोरोना के कारण फिलहाल उनका बंगाल दौरा स्थगित हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नगर निगम के चुनाव से पहले गृह मंत्री अमित शाह के उत्तर बंगाल में आने की बात थी. हालांकि इस बीच, कोविड के बढ़ते ग्राफ के कारण फिलहाल अमित शाह का दौरा भी स्थगित किया गया है. अमित शाह इसी महीने बंगाल के दौरे पर आने वाले थे.
राज्य के चार नगर निगमों सिलीगुड़ी, आसनसोल, चंदननगर व बिधाननगर के लिए 22 जनवरी को चुनाव होने वाले हैं. बता दें कि जेपी नड्डा नौ जनवरी, रविवार को बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर आने वाले थे, लेकिन उनका दौरा पहले ही स्थगित कर दिया गया था. राज्य स्वास्थ्य विभाग के बयान के अनुसार नियमित तौर पर कोरोना संक्रमित होने वालों की संख्या लगातार दूसरे दिन 18 हजार से अधिक रही है. पिछले 24 घंटे के दौरान 63 हजार 518 लोगों के सैंपल जांचे गए हैं जिनमें से 18 हजार 802 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके अलावा 19 लोगों की मौत हुई है.
विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी नेताओं में बढ़ी है कलह
पिछले साल की शुरुआत में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद दिसंबर में कोलकाता नगर निगम चुनाव में बीजेपी की हुई करारी हार की वजह से पार्टी के भीतर यहां घमासान मचा है. कोलकाता निगम चुनाव में हार के बाद हाल में प्रदेश व जिला इकाई में बड़े स्तर पर सांगठनिक फेरबदल भी किया गया जिसके बाद कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं, चुनाव में हार के बाद से कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिरा है. ऐसे में पार्टी नेताओं को एकजुट करने और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए नड्डा और अमित शाह का दौरा तय किया गया था, लेकिन कोरोना की वजह से दोनों दिग्गज नेताओं का दौरा रद्द हो गया है.
22 जनवरी को राज्य के चार निगमों में होने हैं मतदान
गौरतलब है कि आगामी 22 जनवरी को बंगाल के चार नगर निगमों आसनसोल, सिलीगुड़ी, चंदननगर व बिधाननगर के चुनाव होने हैं. आयोग चुनाव प्रचार को लेकर पहले ही सख्त दिशानिर्देश जारी कर चुका है. आयोग ने राजनीतिक दलों को वर्चुअल प्रचार पर जोर देने को कहा है। चुनावी सभाओं में पहले अधिकतम 500 लोगों को एकत्र होने की अनुमति दी गई थी, जिसे बाद में घटाकर 250 कर दिया गया. आयोग अब चाहता है कि चुनाव सभाएं न हो क्योंकि इससे कोरोना और तेजी से फैलने की आशंका पैदा हो सकती है.
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