कर्नल अजय कोठियाल पर बाल श्रम कराने का आरोप, राष्ट्रीय बाल आयोग ने DGP से मांगी रिपोर्ट

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने शुक्रवार को उत्तराखंड में आप के मुख्यमंत्री चेहरे कर्नल अजय कोठियाल (Ajay Kothiyal) के खिलाफ राजनीतिक अभियानों में नाबालिग बच्चों का दुरुपयोग करने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की है. आयोग की ओर से डीजीपी अशोक कुमार को नोटिस भेजकर कार्रवाई की मांग की गई है. आयोग ने इस मामले में कार्रवाई कमद गांव में कर्नल अजय कोठियाल के 2 जनवरी के अभियान के बाद की है. आरोप है कि यहां उनके चुनाव अभियान में नाबालिग बच्चों से बाल श्रम कराया गया. उनसे ही पोस्टर भी चिपकवाए गए.

कर्नल अजय कोठियाल ने कमद गांव में अपने अभियान का एक वीडियो ट्विटर पर साझा किया. उन्होंने गांव के नाबालिग बच्चों से रात में अभियान के पोस्टर चिपकाने के लिए कहा और ट्वीट किया, “कमद गांव, डुंडा ब्लॉक के नन्हे फौजियों की हमारी सेना”. वीडियो में वह बच्चों से कहते दिख रहे हैं, “आपका काम इन पोस्टरों को पूरे गाँव में साफ-सुथरी, अच्छी जगहों पर लगाना है. याद रखें, आपको इसे अंधेरे में, रात में करना है.”

पोस्टर चिपकवाने का आरोप

उन्होंने 12 नाबालिगों को एक साथ ‘सैनिकों की सेना’ कहा और उन्हें सौंपे गए कार्य के लिए तैयार होने को कहा. डीजीपी उत्तराखंड को लिखे अपने आधिकारिक पत्र में, NCPCR ने कहा कि कर्नल अजय कोठियाल ने किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और राजनीतिक अभियानों में बच्चों को श्रम के रूप में इस्तेमाल किया है.

2005 की सीआरपीसी अधिनियम के तहत राजनीतिक अभियानों में बच्चों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है. आयोग ने डीजीपी से इस मामले में एक हफ्ते में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. एनसीपीसीआर के पत्र में कहा गया है कि कर्नल अजय कोठियाल अपने चुनाव अभियान में बच्चों का राजनीतिक पोस्टर चिपकाकर और उन्हें ‘फौजियां’ और ‘सेना’ कहकर उनका दुरुपयोग कर रहे हैं.

वहीं इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि उन्हें इस मामले में NCPCR का पत्र मिला है. इस मामले में राज्य के 13 जनपद पुलिस प्रभारियों से जांच पड़ताल कर आख्या रिपोर्ट तलब की गई है. ताकि वास्तविक साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सके.