जयपुर 08जनवरी (वेदांत समाचार)। ऑनलाइन महंगे फोन ऑर्डर कर ठगी करने वाले दो आरोपियों को साइबर थाना ने गिरफ्तार किया है। इनमें एक मास्टर माइंड को 5 जनवरी को गिरफ्तार किया था, जबकि इसमें शामिल डिलीवरी बॉय को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मामले का खुलासा किया। पुलिस ने बताया कि मास्टर माइंड MCA स्टूडेंट है, जो BMW बाइक का शौकीन है। अभी राजस्थान यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता है। आरोपी 2 साल से डिलीवरी बॉय के साथ मिलकर ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट से लाखों रुपए की ठगी कर चुका है।
अलग-अलग नाम और एड्रेस पर मंगता था आईफोन
साइबर थाना इंचार्ज सतीश चंद्र ने बताया कि दो साल पहले फ्लिपकार्ट कंपनी जयपुर के हब इंचार्ज ने ठगी का मामला दर्ज करवाया था। कंपनी की तरफ से बताया गया था कि एक व्यक्ति की ओर से अलग-अलग नाम और एड्रेस पर महंगे आईफोन ऑर्डर किए जा रहे हैं। इन सभी का पेमेंट भी ऑनलाइन कर रहा है, लेकिन डिलीवरी बॉय से मिलीभगत कर आईफोन की जगह टूटी या पुरानी चीजें डाल ऑर्डर कैंसिल कर रहा है। मामले की जांच करने पर बैंक अकाउंट की जानकारी मिली। पुलिस ने इनके रजिस्टर्ड नंबर पर कॉन्टैक्ट किया तो सभी बंद मिले। इसके बाद पुलिस ने बैंक से जानकारी जुटाई तो सामने आया कि इन अकाउंट पर नया नंबर रजिस्टर्ड हुआ है। नंबर के आधार पर पुलिस ने बस्सी निवासी एमसीए स्टूडेंट अशोक मीणा (22) को जवाहर सर्किल इलाके से 5 जनवरी को गिरफ्तार किया। आरोपी अशोक मीणा से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने शुक्रवार को फ्लिपकार्ट कंपनी के डिलीवरी बॉय अमृत पुरी कॉलोनी निवासी फहीमुद्दीन ( 26) को गिरफ्तार किया।
मौज-शौक ने बना दिया ठग
साइबर थाना इंचार्ज सतीश चंद्र ने बताया कि गिरफ्तार मास्टर माइंड अशोक मीणा से पुलिस ने जब पूछताछ की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। पूछताछ में सामने आया कि अशोक मीणा अच्छे परिवार से है। आरोपी राजस्थान यूनिवर्सिटी से एमसीए कर रहा है और प्रीवियस ईयर का स्टूडेंट है व बाइक रेस का शौकीन है। आरोपी के पास खुद की लाखों की BMW बाइक भी है,जिसे फाइनेंस पर लिया था। पुलिस आरोपी के बैंक खातों की डिटेल लेकर इसकी जांच कर रही है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि मौज-शौक ने उसे ठग बना दिया।
दो साल पहले डिलीवरी बॉय से हुआ था कॉन्टैक्ट
डिलीवरी बॉय और अशोक की पहचान दो साल पहले हुई थी। अशोक ने एक टी-शर्ट मंगवाया था, जिसे डिलीवरी करने फहीमुद्दीन आया था। अशोक ने डिलीवरी बॉय को अपना प्लान बताया। इसके बाद अशोक अलग-अलग नंबर और एड्रेस से महंगे आईफोन ऑर्डर कर उनका ऑनलाइन पेमेंट करता। डिलीवरी होने पर उसमें से आरोपी फोन निकाल लेता और उसकी जगह पुरानी या टूटी चीजें डाल देता। डिलीवरी बॉय यह कहकर पार्सल को लौटा देता था कि कस्टमर ने इसे रिजेक्ट कर दिया और उसे हब में जमा करा देता था। इसके बदले कंपनी पेमेंट खाते में दोबारा जमा करवा देती। जब हब में उसकी जांच होती तो फोन मिलता ही नहीं। पूछताछ में ये भी सामने आया कि आरोपी दो साल में 1 लाख के 5 आईफोन मंगवा चुका था। इन फोन को वो बाजार में बेच भी देता।
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