उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले दोगुनी रफ्तार से बढ़ते जा रहे हैं. संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) ने नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) लागू कर दिया है. इसी बीच राज्य के परंपरागत हस्तशिल्प, कारीगर, कुली और श्रमिकों को सरकार ने एक बड़ी सौगात भी दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की है कि अगले 4 महीने तक 500 प्रति महीने तक परंपरागत हस्तशिल्प, कारीगर, कुली और श्रमिकों को सरकार भरण पोषण भत्ता देगी. जिससे कोरोना कालखंड में पलायन की नौबत न आने पाए.
आपको बता दें, यूपी सरकार के द्वारा चलाए जा रहे निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 75,000 परंपरागत कारीगरों प्रशिक्षित किया गया है. उसमें से 25,000 कारीगरों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत अपना व्यापार शुरू करने के लिए ऋण भी प्रदान किया जा रहा है. इसी के साथ पूरे प्रदेश में 10,000 हस्तशिल्पियों को निशुल्क टूलकिट उपलब्ध कराया जाएगा.
स्वरोजगार संगम कार्यक्रम के बारे में सीएम योगी ने कहा कि आप जब एक व्यक्ति को नौकरी देते हैं, तो वह सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि इससे पूरे परिवार का पेट भरता है. एक परिवार स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर होता है. उसको देख पूरा गांव उस नवाचार के साथ जुड़ता हुआ दिखाई देता है.
रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज
श्रमिकों को रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर, मोबाइल नंबर (आधार से लिंक) और बैंक अकाउंट देना होगा. अगर किसी श्रमिक का मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं तो वह नजदीक के सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाकर बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से पंजीकरण कर सकता है. इसके अलावा, हेल्पडेस्क नंबर पर कॉल किया जा सकता है. क्रेडेंशियल्स की पुष्टि करने के बाद ई-श्रम पोर्टल पर मोबाइल नंबर अपडेट हो जाएगा.
ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- श्रमिक की उम्र 16 साल से ज्यादा और 60 साल से कम होनी चाहिए
- श्रमिक इनकम टैक्स का भुगतान न करता हो
- अगर कोई श्रमिक टैक्सपेयर है तो वह पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकता
- ईपीएफ और ईएसआईसी का सदस्य भी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकता
कृषि श्रमिकों के पास सबसे अधिक ई-श्रम कार्ड
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक ई-श्रम कार्ड कृषि श्रमिकों के पास है. इनकी कुल संख्या 1 करोड़ 33 लाख 88 हजार 542 है. दूसरे नंबर पर घरेलू कामगार हैं, जिनकी संख्या 43 लाख 40 हजार 111 है. वहीं, तीसरे नंबर पर निर्माण क्षेत्र में लगे श्रमिक हैं, जिनकी संख्या 25 लाख 73 हजार 740 है. सरकार ने ई-श्रम पोर्टल पर 38 करोड़ श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन कराने का लक्ष्य रखा है.