जब मां ने एआर रहमान से कहा- स्कूल छोड़ दे और अपने संगीत पर ध्यान दो…

भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) के मशहूर और दिग्गज संगीतकार एआर रहमान (AR Rahman) आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं. एआर रहमान भारत के उन कलाकारों में से एक हैं, जिन्होंने अपने संगीत से पूरी दुनिया में नाम कमाया है. उनका संगीत हमेशा से अलग माना जाता रहा है. एआर रहमान का जन्म 6 जनवरी, 1966 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था. उनके पिता आरके शेखर मलयालम फिल्मों में म्यूजिक स्कोर कंपोजर थे. म्यूजिक को बनाने के गुण अपने पिता से विरासत में मिले थे.

पूरी दुनिया में एआर रहमान के नाम से पहचान बनाने वाले, संगीतकार का असली नाम दिलीप कुमार है. एआर रहमान ने धर्मांतरण कर अपना नाम बदला है, जो कई मौकों पर उनके लिए चर्चा का विषय भी रहा है. घर में शुरू से संगीत का माहौल होने के कारण एआर रहमान ने 4 साल की उम्र में पियानो बजाना शुरू कर दिया था, लेकिन किस्मत एआर रहमान को बचपन में ही संघर्ष के रास्ते पर ले आई. उनके पिता आरके शेखर का महज 43 साल की उम्र में निधन हो गया था. पिता के निधन के बाद घर की सारी जिम्मेदारी एआर रहमान के कंधों पर आ गई थी.

मां ने दी थी एआर रहमान को संगीत में ध्यान देने की सलाह

ऐसे में एआर रहमान ने अपनी पढ़ाई करने के साथ अपने पिता के संगीत उपकरणों को किराए पर देना शुरू कर दिया था. रहमान की मां ने उपकरणों को बेचने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उन्हें लगा कि ये उपकरण उनके बेटे के करियर के लिए उपयोगी होंगे. 16 साल की उम्र तक, रहमान ने अपनी पढ़ाई को संगीत असाइनमेंट के साथ बैलेंस कर लिया था, जिसमें रिकॉर्डिंग सेशन के दौरान संगीतकारों की सहायता करना, कीबोर्ड बजाना और संगीत उपकरण ठीक करना शामिल था.

एआर रहमान के दोस्त त्रिलोक नायर ने कृष्णा त्रिलोक को रहमान की बुक Notes Of A Dream में बताया था कि जब सीक्वेंसर भारत आया, तो वे प्रोग्रामिंग में भी एक विशेषज्ञ बन गए और वे एक ऐसे इंसान बने, जो कंप्यूटर से संगीत बनाना जानते थे. एक समय ऐसा आया, जब स्कूल और काम दोनों को एक साथ चलाना एआर रहमान के लिए असंभव हो गया. एक दिन वे अपनी मां के पास गए और उनसे कहा कि उन्हें दोनों में से किसी एक को चुनना होगा. बेटे एआर रहमान की ये बात सुनकर मां ने उनसे कहा कि वे स्कूल छोड़ दें और संगीत पर ध्यान केंद्रित करें, पढ़ाई के बारे में बाद में देख सकते हैं.

इसके बाद पूर्ण रूप से एआर रहमान ने अपना ध्यान संगीत पर लगा दिया था. बॉलीवुड में मणिरत्नम ने रहमान को अपनी फिल्म ‘रोजा’ में पहला ब्रेक दिया था. यही वजह है कि वे मणिरत्नम की बहुत इज्जत करते हैं. उन्हें जानने वाले लोग बताते हैं कि मणिरत्नम ही ऐसे अकेले शख्स हैं, जो रहमान से कभी-भी अपनी मर्जी से मिल सकते हैं. एआर रहमान ने भारतीय सिनेमा में संगीत को नए आयामों तक पहुंचाया है. एआर रहमान अपने करियर में एक बार ऑस्कर अवॉर्ड, चार राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड, दो अकेडमी अवॉर्ड, दो ग्रैमी अवॉर्ड, एक बाफ्टा अवॉर्ड और गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं.

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