नायब तहसीलदार के फर्जी आईडी, डिजिटल सिग्नेचर से जारी कर दिया फर्जी आय प्रमाण पत्र ,मचा हड़कम्प


अधिकारी के आवेदन के पखवाड़े भर बाद भी दीपका पुलिस मेहरबान, नहीं किया एफआईआर

कोरबा,5 जनवरी (वेदांत समाचार)। अपराध पर अंकुश लगाने में नाकाम दीपका पुलिस अपराधियों पर भी मेहरबान है । नायब तहसीलदार दीपका के डिजिटल सिग्नेचर की कॉपी कर फर्जी आईडी से आय प्रमाण पत्र जारी करने वाले सीएससी संचालक एवं फोटोकॉपी एंड प्रिंटर संचालक की कूट रचना उजागर होने के बाद नायब तहसीलदार द्वारा एफआईआर दर्ज कराने दिए गए शिकायत पत्र के एक पखवाड़े बाद भी दीपका पुलिस संबंधितों के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं कर सकी।जिससे दीपका पुलिस के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं।

यहां बताना होगा कि नायब तहसीलदार दीपका वीरेंद्र श्रीवास्तव के डिजिटल हस्ताक्षर का कॉपी कर दुरुपयोग करते हुए अंडीकछार के ओम सीएससी द्वारा आई.डी क्रमांक .776610590010 में ग्राम रलिया निवासी नंदलाल पिता शिवराम के नाम से आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। उक्त प्रमाण पत्र में ओम सीएसी अंडीकछार का सील एवं आईडी क्रमांक भी दर्ज है। जबकि समान आईडी 776610590010 में न्यायालय नायब तहसीलदार दीपका कार्यालय से पूर्व में लक्ष्मण सिंह पिता चमरू सिंह निवासी सिरबिदा के नाम से आय प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। इस कूटरचना की जानकारी पता चलने पर नायब तहसीलदार दीपका श्री श्रीवास्तव भी सकते में आ गए। उन्होंने ओम सीएससी अंडीकछार के संचालक को नोटिस जारी कर तलब किया। जिसके परिप्रेक्ष्य में संचालक संदीप कुमार श्रीवास ने 21 दिसम्बर 2021 को न्यायालय में उपस्थित होकर शपथपूर्वक बयान दिया है कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार का फर्जी प्रमाण पत्र नहीं बनाया गया है। उनका सीएससी सेंटर 2 नंवबर 2021 को बंद हो चुका है जबकि उन्हें नोटिस 15 दिसंबर 2021 को मिला। संदीप श्रीवास ने आईडी क्रमांक 776610590010 में फर्जी हस्ताक्षर से जारी आय प्रमाण पत्र के लिए हरदीबाजार के सांई फोटोकॉपी एंड प्रिंटर्स के संचालक गगन यादव पिता बजरंग यादव को जिम्मेदार ठहराया। संदीप ने उनके बंद हो चुके सीएससी सेंटर का साईं फोटोकॉपी एंड प्रिंटर्स के संचालक द्वारा फर्जी सील बनाकर आय प्रमाण पत्र जारी करने का शपथपूर्वक बयान दिया था।

संदीप कुमार श्रीवास ने शपथ पूर्वक बयान में इस बात का भी उल्लेख किया था कि उनके भाई को साईं फोटोकॉपी एंड प्रिंटर्स के संचालक के पिता द्वारा फटा हुआ उपरोक्त प्रमाण पत्र एवं सील दे रहा था जिसे उसने लेने से इंकार कर थाना एवं न्यायालय में सुपुर्द करने की बात कही थी। नायब तहसीलदार दीपका ने शपथपूर्वक दिए गए इस बयान के आधार पर प्रकरण में दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने 21 दिसंबर को ही दीपका थाना में ज्ञापन दिया था। लेकिन पखवाड़े भर बाद भी दीपका पुलिस प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं कर सकी। जब राजस्व विभाग के अधिकारियों के दस्तामय शिकायतों पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही तो आम जनता की फरियाद में कार्रवाई का सतत अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रकरण में दीपका थाना प्रभारी से उनका पक्ष लेने संपर्क किया गया । कॉल रिसीव नहीं करने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका है। बहरहाल सूत्रों की मानें तो दोनों ही संचालक क्षेत्र के प्रभावशाली शख्श के करीबी हैं लिहाजा कार्रवाई नहीं करने दबाव बनाने की भी चर्चा है।

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