कोरबा/कटघोरा- पाली 3 जनवरी (वेदांत समाचार)। जिले के वेयर हाउस कारपोरेशन के गोदामों से बड़ी मात्रा में न खाने योग्य गुणवत्ताहीन चावल की सप्लाई मामले में कलेक्टर द्वारा दिये गए जांच के आदेश के बाद अफसरों द्वारा की गई कारवाई संदेह के दायरे में आ गई है। जहां जांच टीम ने कोरबा एवं छुरी के गोदामों में उपलब्ध चांवल का सैम्पल लेकर 6, 255 क्विंटल चांवल को अमानक करार दिया गया किंतु कटघोरा और पाली के गोदामों में जमा चांवल परीक्षण की जहमत नही उठाई। जिसे लेकर सवाल खड़े हो रहे है।
ज्ञात हो कि जिले के शासकीय राशन दुकानों से हितग्राहियों को पाकड़ चांवल वितरण की शिकायत सामने आई थी। जिसे संज्ञान में लेकर कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों में चांवल की जांच का आदेश जारी किया था। जिसके लिए उन्होंने एक समिति को जिम्मेदारी सौंपी थी। जिन्होंने कोरबा और छुरी के गोदामों में उपलब्ध 59 स्टेक के चांवल का सैम्पल लिया। जांच के दौरान 54 स्टेक का चांवल मानक श्रेणी का जबकि 05 स्टेक में 16, 001 बोरी का 6, 255 क्विंटल चांवल अमानक बताया गया। जिसमें ब्रोकन और बगरी डिस्कलर निर्धारित मापदंड से अधिक होना पाया गया। जिसकी रिपोर्ट पर कलेक्टर द्वारा खराब गुणवत्ता के चांवल को वापस देकर मानक श्रेणी का चांवल जमा कराने के निर्देश दिए है। दूसरी ओर चांवल की गुणवत्ता जांच के लिए गठित टीम पर पूरी कार्रवाई को लेकर सवाल उठने लगे है, क्योंकि टीम द्वारा कोरबा व छुरी के गोदामो में जांच तो किया जाना बताया पर कटघोरा और पाली नान गोदामों में गुणवत्ता परीक्षण नही किया गया। जिन गोदामों में बड़ी मात्रा में पाकड़ चांवल रुका होना बताया जा रहा है। तथा जांच करने पर बड़ी गड़बड़ी मिलने की संभावना जताई जा रही है। एक चर्चा के अनुसार जिन राइस मिलर्स ने कथित रूप से सेवा सत्कार किया है उन्हें अभयदान दे दिया गया और जिन्होंने चढ़ावा नही दिया उनके चांवल को अमानक बताया गया। बहरहाल पूरी कार्रवाई पर सवालिया निशान लग गए है और वरिष्ठ अधिकारी से निष्पक्ष जांच कराए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
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