Booster Dose Against Omicron Variant: कोरोना वायरस वैक्सीन की तीसरी डोज ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता को 88 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है. ये जानकारी ब्रिटेन के एक अध्ययन में सामने आई है. बूस्टर डोज वैक्सीन की दूसरी डोज की तुलना में नए वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा का एक उच्च स्तर प्रदान करती है, जिसकी प्रभावशीलता छह महीने की अवधि के बाद कम होने लगती है (Vaccine Third Dose). ब्रिटेन में ओमिक्रॉन का पहला मामला मिलने के बाद से वैक्सीन की बूस्टर डोज को बेहद जरूरी माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने हल ही में लोगों से बूस्टर डोज लगवाने की अपील करते हुए कहा था कि अस्पताल में भर्ती लोगों में 90 फीसदी से अधिक वही हैं, जिन्हें बूस्टर डोज नहीं लगी है. इन अध्ययनों के निष्कर्षों को जोड़ते हुए यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) की रिपोर्ट को साझा करते हुए, मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफेसर और स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉक्टर एरिक टोपोल (Dr Eric Topol) ने बताया कि दूसरी डोज लेने के बाद ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता 6 महीने बाद 52 फीसदी तक कम हो जाती है.
अधिक सुरक्षा देती है बूस्टर डोज
तीसरी वैक्सीन या बूस्टर डोज प्रतिरक्षा को काफी हद तक बढ़ा देती है. साथ ही संक्रमण के उन गंभीर लक्षणों से भी बचाती है, जिनके कारण अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है (Booster Dose Benefits). डॉक्टर एरिक टोपोल ने कहा, ‘तीसरी डोज (Third Dose) लगवाने से ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मरीज के अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बहुत कम हो जाता है, क्योंकि इससे काफी सुरक्षा मिलती है. तीसरी डोज लेने के बाद वैक्सीन की प्रभावशीलता 52 फीसदी से लेकर 88 फीसदी तक बढ़ जाती है.’
10 हफ्ते बाद कम होने लगता है असर
यूकेएचएसए की रिपोर्ट में उन अध्ययनों का जिक्र भी किया है, जो बताते हैं कि डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन कम प्रभावी हो जाती है. तीसरी डोज के 10 हफ्ते बाद इसका असर कम होने लगता है. लेकिन इसमें ये भी कहा गया है कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज के अस्पताल में भर्ती होने और इमरजेंसी केयर की संभावना आधी रहती है (Booster Dose Covid Vaccine). वैक्सीन की दूसरी और तीसरी डोज के बाद ओमिक्रॉन के मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम होता है. जिन लोगों ने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है, उनके मुकाबले तीनों डोज लेने वाले ओमिक्रॉन के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम में औसतन 81 फीसदी की कमी देखी गई है.
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