जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi stampede) में शनिवार को हुए भगदड़ की घटना की जांच के लिए प्रशासन ने आम लोगों से भी मदद की अपील की है. जम्मू के डिविजनल कमिश्नर राघव लैंगर ने रविवार को एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए 1 जनवरी को एक तीन सदस्यीय कमिटी बनाई गई. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति घटना को लेकर किसी तरह से सबूत, बयान या कोई वीडियो साझा करना चाहता है तो वह डिविजनल कमिश्नर को भेज सकता है.
इसके अलावा अगर कोई व्यक्तिगत रूप से मिलकर किसी तरह के सबूतों या बयान साझा करना चाहता है तो वह डिविजल कमिश्नर ऑफिस में जांच कमिटी के सामने 5 जनवरी को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच पेश हो सकता है. ईमेल से जानकारी देने के लिए divcomjmujk@nic.in पर मेल या 09419202723 पर वॉट्सऐप कर सकते हैं.
माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में नए साल के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए. जम्मू से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित इस धाम पर इस तरह की यह पहली घटना है जहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं. भगदड़ 1 जनवरी की रात लगभग 2:30 बजे मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई थी.
एक सप्ताह के भीतर समिति सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट
घटना की जांच के लिए गठित 3 सदस्यीय समिति को एक सप्ताह के भीतर जम्मू-कश्मीर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. प्रधान सचिव (गृह) की अध्यक्षता में समिति का गठन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया. समिति के अन्य दो सदस्य जम्मू संभागीय आयुक्त राघव लंगर और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, जम्मू मुकेश सिंह हैं.
शनिवार को एक आदेश में कहा गया, “समिति घटना (भगदड़) के कारणों की विस्तार से जांच करेगी और खामियों को बताएगी और इसकी जिम्मेदारी तय करेगी.” इसमें कहा गया है कि समिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित मानक संचालन प्रक्रियाओं और उपायों का सुझाव देगी.
दो समूहों के बीच झगड़े के कारण हुई भगदड़- श्राइन बोर्ड
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने देर रात जारी एक बयान में कहा कि शनिवार की भगदड़ ‘‘तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच झगड़े के कारण हुई.’’ बोर्ड ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महामारी के मद्देनजर 50 हजार की क्षमता के मुकाबले 31 दिसंबर से एक जनवरी के बीच केवल 35,000 श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति दी गई थी. बयान में कहा गया, ‘‘इस घटना में कुल 12 तीर्थयात्रियों की जान चली गई और 16 अन्य घायल हो गए.”
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में पहचान उत्तर प्रदेश के अरुण प्रताप सिंह (30), धर्मवीर सिंह (35), विनीत कुमार (38) और श्वेता सिंह (35), मोहिंदर गौर (26), नरेंद्र कश्यप (40), मोनू शर्मा (32),दिल्ली के विनय कुमार (24) और सोनू पांडे (24) और आकाश कुमार (29), हरियाणा की ममता (38) और जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के देशराज कुमार (26) रूप में हुई है.
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