रायपुर 2 जनवरी (वेदांत समाचार)। धर्म संसद के आयोजक एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के राष्ट्रीय सचिव नीलकंठ त्रिपाठी ने पार्टी की सदस्यता इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. यह इस्तीफा नीलकंठ त्रिपाठी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के नाम दिया है.
उन्होंने इस्तीफे को लेकर रायपुर धर्म संसद मामले में अपने ऊपर राजनेताओं द्वारा आरोप को बड़ी वजह बताया है. उनका कहना है कि धर्म संसद के आयोजन का उद्देश्य सनातन धर्मियों को एक मंच पर लाना व इसके विस्तार को लेकर था परन्तु अनावश्यक राजनीति के चलते उनको यह फैसला लेने मजबूर होना पड़ा.
राष्ट्रीय सचिव नीलकंठ त्रिपाठी ने इस्तीफा में कहा, ” महोदय, मै नीलकंठ त्रिपाठी पिता पं. कृपाशंकर त्रिपाठी छ.ग. रायपुर का निवासी हूं. मैं विगत 15 सालों से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से जुड़कर कई सामाजिक एवं राजनीतिक स्तर पर कार्य किया है. अभी वर्तमान में राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस से राष्ट्रीय सचिव के पद पर हूं. जिस प्रकार से आपने मुझ पर विश्वास करके पार्टी के सकिय सदस्य बनाया एवं राष्ट्रीय सचिव का पद दिये, इसका मैं हमेश ऋणी रहूंगा. महोदय हमारी नीलकंठ सेवा संस्था द्वारा 25 एवं 26 दिसंबर को धर्म संसद 2021 छ.ग. का आयोजन राजधानी रायपुर में किया गया था. जिसमें महराज कालीचरण द्वारा मंच से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में अपशब्द टिप्पणी की गई.”
महात्मा गांधी पर टिप्पणी की खंडन के बाद की गई राजनीति
नीलकंठ त्रिपाठी ने अपने इस्तीफे में कहा कि “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में अपशब्द टिप्पणी की आयोजक समिति द्वारा खण्डन किया गया. यह आयोजन केवल सनातन धर्म को लेकर था, किसी राजनीति विशेष का एजेंडा नहीं था. इस आयोजन का उद्देश्य सनातन धर्मियों को एक मंच पर लाना, सनातन धर्म का विस्तार कर सनातन धर्म के बारे मे संतो द्वारा दिशा-निर्देश देना था. जिसमें समाज के प्रमुख एवं आम जनता के साथ समस्त सनातनी राजनेताओं को इस आयोजन में इसलिए जोड़ा गया था. कहीं न कहीं शासन-प्रशासन में बैठकर सनातन धर्म का विस्तार करें, इसी उद्देश्य के साथ समस्त सनातनी राजनेताओं एवं समाज प्रमुखों के सहयोग से इस आयोजन को सफल बनाने का प्रयास किया गया ताकि पूरे देश में एक ऐसा संदेश जाय.
नेता लगा रहे हैं साजिश का आरोप
राष्ट्रीय सचिव नीलकंठ त्रिपाठी ने कहा है कि “महराज कालीचरण के आपत्ति जनक टिप्पणी के बाद कुछ राजनेताओं द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि नीलकंठ त्रिपाठी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी हैं और कांग्रेस के साथ मिलकर यह प्रायोजित आयोजन किया गया. ताकि संत समाज एवं हिन्दु धर्म की बदनामी हो. महोदय, मैं हमेशा से समाज हित के लिए कार्य करते आया हूं, और आगे भी करता रहूंगा. राजनीति में रहकर मैं सामाजिक कार्य में रूचि रखता हूं. सनातन धर्म को लेकर और हमारे संत समाज को लेकर मेरी यही विचारधारा रही है कि संत समाज सनातन धर्मियों के मार्गदर्शन रहे हैं और आगे भी सनातन धर्मियों को मार्ग दर्शन देते रहेंगे. यह आयोजन केवल सनातन धर्म को लेकर था, परंतु इसे राजनीति अखाड़ा बना दिया है.” नीलकंठ त्रिपाठी ने कहा कि “मैं आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य एवं अपने सभी समस्त पदों से त्याग पत्र देता हूं. मैं हमेशा से अपने धर्म के लिए कार्य करता आया हूं, और आगे भी करता रहूंगा.”
रायपुर में धर्म संसद का आयोजन हुआ था. जो कालीचरण महाराज द्वारा महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद विवादों में आ गया. इस पर अभी भी पुलिस की कार्रवाई जारी है. इस धर्म संसद को लेकर छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. इसी बीच नीलकंठ त्रिपाठी ने अपने सारे पदों से इस्तीफा दे दिया है.
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