Xiaomi और Oppo पर लग सकता है 1000 करोड़ रुपए का जुर्माना, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने किया दावा…

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दावा किया कि स्मार्टफोन निर्माता Xiaomi और Oppo ने कर कानूनों का उल्लंघन किया है और उन पर 1000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 21 दिसंबर को दिल्ली और 11 दूसरे राज्यों में चीनी स्मार्टफोन कंपनियों और उनकी सहायक कंपनियों के देशभर में ठिकानों पर छापेमारी की थी. विभाग ने कई जरूरी डाक्यूमेंट्स का पता लगाया, जिससे पता चलता है कि कंपनियां भारत में आयकर अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन कर रही थीं.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा, ‘छापे में ये खुलासा हुआ है कि दोनों बड़ी कंपनियों ने अपने और विदेशों में स्थित ग्रुप कंपनियों के हवाले से रॉयल्टी के रूप में रकम भेजी है, जो 5500 करोड़ रुपए से ज्यादा है. बयान में आगे लिखा गया है, “इन कंपनियों ने आयकर अधिनियम 1961 के तहत लेनदेन के प्रकटीकरण (डिसक्लोजर) का पालन नहीं किया. ऐसी गलती उन्हें दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी बनाती है.”

रॉयल्टी के रूप में विदेशों में भेजा जा रहा था पैसा

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, दिल्ली एनसीआर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात में छापेमारी की थी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस कार्रवाई से Xiaomi और Oppo जैसी दो बड़ी स्मार्टफोन कंपनियों के अपने समूह की कंपनियों को रॉयल्टी के रूप में विदेशों में पैसा भेजने का खुलासा हुआ है. इसके अलावा, 5,500 करोड़ से अधिक की रकम भेजे जाने का पता चला है, जिसका मिलान तलाशी कार्रवाई के दौरान मिले सबूतों और तथ्यों से नहीं किया जा सका.

सर्च ऑपरेशन ने स्मार्टफोन बनाने के लिए पार्ट्स की खरीद के तरीके का भी खुलासा किया. डिपार्टमेंट ने दावा किया कि Xiaomi और Oppo ने आयकर अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुसार लेनदेन का खुलासा नहीं किया था, जिसके परिणामस्वरूप अब 1000 करोड़ का जुर्माना होगा.

पहले भी की जा चुकी है छापेमारी

इससे पहले, कुछ चीनी फर्म जो कथित तौर पर मोबाइल लोन एप्लीकेशन और ट्रांसपोर्ट बिजनेस चला रही थीं, उन पर सरकारी एजेंसियों ने छापा मारा था. अब कुछ और कंपनियां उनके रडार पर आ गई हैं. इस साल अगस्त में भी फर्म पर छापा मारा गया था. अधिकारी ने कहा, हमने टैक्स चोरी के संबंध में उनके भारत प्रमुख का बयान दर्ज किया था.वे टैक्स से बचने के लिए जानकारी छुपा रहे थे.