दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने बनाया नया प्लान!

डेयरी कृषि का मुख्य सहायक व्यवसाय हैं.पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र में दूध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई हैं,जर्सी और होल्स्टीन, गायों की दो विदेशी नस्लें इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.चूंकि इन दो विदेशी नस्ल की गायों को भारत लाना संभव नहीं है, इसलिए इन्हें राज्य में क्रॉसब्रीडिंग के जरिए पाला गया हैं नतीजतन दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई हैं एक ओर जहां कृषि विश्वविद्यालय में देशी गायों की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दुग्ध उत्पादन के लिए ऐसे प्रयोग किए जा रहे हैं.

विदेशी जर्सी और होल्स्टीन सांडों का वीर्य एकत्र कर कोल्ड स्टोरेज में कर देश मे लाया जाता हैं इसी प्रकार देशी गायों का कृत्रिम गर्भाधान किया जाता हैं. इससे भारत में संकर गायों के विकल्प के रूप में दूध का उत्पादन भी बढ़ रहा हैं.खास बात यह है कि देशी गायों द्वारा खाए जाने वाले चारे को मांस में बदला जाता है जबकि वही संकर गायों को दूध में बदला जाता है.जर्सी गायों को महाराष्ट्र में तभी पाला जा रहा है जब यह देखा गया कि देशी गायों में समान लक्षण पेश किए जा रहे हैं और इससे दूध उत्पादन में वृद्धि हो सकती हैं.

होल्स्टीन गाय की किया हैं खासियत

होल्स्टीन गाय आकार में बड़ी होती हैं.उनका वजन लगभग 600 किलोग्राम है और उन्हें सबसे बड़ी डेयरी गायों के रूप में जाना जाता हैं उच्च दूध उत्पादन के बावजूद, इन गायों को उचित देखभाल की आवश्यकता पड़ती हैं क्योंकि यह गाय उच्च तापमान को सहन नहीं करती है, इसकी दूध वसा हमारी देशी गायों की तुलना में कम होती हैं होल्स्टीन गाय प्रतिदिन 25 से 30 लीटर दूध का उत्पादन करती हैं अब इन संकर गायों की संख्या महाराष्ट्र में बढ़ती जा रही हैं इन गायों से 50 से 60 हजार रुपये मिलते हैं.

जर्सी गायों की अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता

होल्स्टन और जर्सी के बीच का अंतर यह है कि होल्स्टन गायों को उच्च तापमान से पीड़ित नहीं होता है लेकिन जर्सी गायों में अच्छी प्रतिरक्षा होती हैं हालांकि, जर्सी प्रतिदिन केवल 12 से 14 लीटर दूध का ही उत्पादन करती हैं इन गायों का रंग मध्यम आकार का लाल और चौड़ा माथा होता हैं. ये गायें भारतीय जलवायु को आसानी से सहन कर लेती हैं जर्सी गायों का वजन 400 से 450 किलोग्राम के बीच होता है, लेकिन वे होल्स्टीन गायों की तुलना में कम खर्चीली होती हैं, और किसान जर्सी के प्रति अधिक इच्छुक होते हैं क्योंकि वे किसी भी वातावरण में मानवीय होते हैं

क्रॉसब्रेड गाय की ब्याने की अवधि कम होती है

क्रॉसब्रेड गाय का प्रजनन काल केवल 70 से 80 दिनों का होता हैं फलस्वरूप दूध का उत्पादन तो बढ़ जाता है लेकिन किसानों को इस व्यवसाय से अच्छा लाभ मिलता है क्योंकि इसमें निरंतरता बनी रहती है संकर गाय प्रतिदिन 10 से 12 लीटर दूध देती हैं चूंकि गाय की चर्बी भी 4 से 5 होती है, इसलिए दूध अच्छी कीमत देता है इसके अलावा, इस नस्ल के बछड़ों को 18 से 20 महीने की उम्र में गर्मी के संपर्क में लाया जाता है जबकि पहला गर्भधारण केवल 22 महीने में होता हैं डेयरी फार्मिंग सस्ती है क्योंकि दो बछड़ों के बीच की दूरी केवल 13 से 15 महीने है.