अपनी बेटियों को पढ़ाइए…ताकि वो आत्मविश्वास से भरी रहें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बातें मंगलवार को कानपुर की रहने वाली फरजाना से कही. फरजाना ने बताया कि चार साल पहले तीन पति ने तलाक दे दिया था. इसके बाद वह अपनी बेटियों के साथ अकेले रह रही हैं. लॉकडाउन में उनके पास कोई काम नहीं था तो उन्होंने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से पिछले साल 10 हजार रुपए का लोन लिया और फास्ट फूड का छोटा कारोबार शुरू किया और वह डोसा और इडली बेचती हैं.
अब वह अपने घर को चलाने में सक्षम हैं और अपनी दो बेटियों को पढ़ा रही हैं. उन्होंने पीएम से कहा कि वह चाहती हैं कि जो दिन उन्होंने देखे हैं उनकी बेटियों को वह दिन न देखना पड़े इस पर पीएम ने उनके सिर पर हाथ रख कर आशीर्वाद दिया.
पीएम ने की लाभार्थियों से बात
निरालानगर रैली में आए अलग-अलग योजनाओं के 25 लाभार्थियों में से फरजाना एक हैं. उन्होंने पीएम मोदी से कहा, “मैं आपकी वजह से अपनी दो बेटियों को शिक्षित करने में सक्षम हूं, मैं बस इतना चाहता हूं कि मेरी बेटियां अच्छी तरह से पढ़ाई करें. मैंने बहुत बुरे दिन देखे हैं. चार साल पहले, मेरे पति ने सिर्फ तलाक दिया और मुझे दो छोटी बेटियों के साथ उनका घर छोड़ना पड़ा. मेरा केस अभी कोर्ट में है. मेरी बेटियों के पास कोई घर नहीं है और मैं चाहती हूं कि वे पढ़ाई करें.” पीएम ने यहां अन्य लाभार्थियों से 17 मिनट तक बात की. वहीं लाभार्थी भी पीएम से बात करके खुश दिखे.
सहारनपुर की शबाना से भी की थी मुलाकात
वहीं, अभी पिछले हफ्ते ही पीएम मोदी ने प्रयागराज के दौरे के दौरान सहारनपुर की शबाना परवीन और उनकी नौ महीने की बेटी से मुलाकात की थी. उन्होंने परवीन से बैंकिंग संवाददाता (बैंक सखी) के रूप में उनके काम के बारे में बात की थी. परवीन ने पीएम से कहा था कि वह उनसे मिलने को लेकर झिझक रही थीं, लेकिन उनकी सादगी ने इस मुलाकात को आसान बना दिया. परवीन अब तक 55 लाख रुपये का लेन-देन कर अपने जिले की टॉप ‘बैंक सखी’ बन चुकी हैं.
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