हैदराबाद की फर्म बायोलॉजिकल-ई द्वारा निर्मित, टीके में सार्स-सीओवी-2 स्पाइक प्रोटीन के ‘रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन’ (आरबीडी) का एक संस्करण होता है. इसे दो खुराक में लगाया जाएगा.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दो नए टीकों और कोविड-19 के लिए एक दवा के लिए कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है जिससे भारत में उपलब्ध निवारक और उपचारों की संख्या 12 हो गई है.भारत में कोरोनावायरस के दो टीकों और एक एंटी कोविड दवा को मंजूरी दी गई है.
जिन दो नई वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की अनुमति मिली है, वे दोनों ही प्रोटीन आधारित वैक्सीन- कोवोवैक्स और कोर्बिवैक्स हैं. जहां कोवोवैक्स का निर्माण अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की तरफ से किया गया है, वहीं कोर्बिवैक्स को भारत की बायोलॉजिकल ई ने बनाया है.भारत में उपलब्ध निवारक और उपचारों की संख्या 12 है.
12 टीकों की ये लिस्ट इस प्रकार है
1. कोविशील्ड: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा सह-विकसित यह टीका भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित है. यह टीका दो खुराक वाला है.
2.कोवैक्सीन: यह टीका हैदराबाद की भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के सहयोग से विकसित किया गया है. दो-खुराक वाले यह टीका एक निष्क्रिय वायरस का उपयोग करता है जो रासायनिक रूप से कोरोना वायरस के नमूनों का इलाज करके उन्हें फिर से बनने में असमर्थ बनाता है.
3. स्पुतनिक वी: रूस के ‘गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट’ द्वारा विकसित, दो-खुराक वाला स्पुतनिक वी एक ‘वेक्टर’ टीका है जिसे एड 5 और एड 26 नामक दो एडेनोवायरस के संयोजन का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है. एडेनोवायरस सामान्य वायरस हैं जो आमतौर पर हल्की सर्दी या फ्लू जैसी बीमारी का कारण बनते हैं.
4. जेडवाईसीओवी-डी (जायकोव डी): अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला द्वारा निर्मित डीएनए टीका तीन खुराक वाला है. इस टीके को सीरिंज का उपयोग करने के बजाय एक सुई-मुक्त एप्लीकेटर का इस्तेमाल करके लगाया जाता है.
5. मॉडर्ना: अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना द्वारा विकसित, दो-खुराक वाला टीका वायरल प्रोटीन का उत्पादन करने के लिए मैसेंजर आरएनए (एमआरएनए) के आनुवंशिक कोड का उपयोग करता है. आरएनए कई वायरस में आनुवंशिक सामग्री के रूप में कार्य करता है और एमआरएनए का उपयोग कोशिका में प्रोटीन बनाने में किया जाता है.
6. जॉनसन एंड जॉनसन: अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा एक-खुराक वाला एडेनोवायरस वेक्टर टीका विकसित किया गया है. इसमें एक संशोधित वायरस का एक टुकड़ा होता है जो कि वह वायरस नहीं है जो कोविड-19 का कारण बनता है. इस संशोधित वायरस को ‘वेक्टर’ वायरस कहा जाता है. वेक्टर वायरस खुद को पुन: उत्पन्न नहीं कर सकता है, इसलिए यह हानिरहित है. यह वेक्टर वायरस शरीर में कोशिकाओं को एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बनाने में मदद करता है.
7. कोर्बेवैक्स: हैदराबाद की फर्म बायोलॉजिकल-ई द्वारा निर्मित, टीके में सार्स-सीओवी-2 स्पाइक प्रोटीन के ‘रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन’ (आरबीडी) का एक संस्करण होता है. इसे दो खुराक में लगाया जाएगा. इसे हेपेटाइटिस बी के टीके विकसित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक का उपयोग करके तैयार किया गया है.
8. कोवोवैक्स: यह टीका अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नोवावैक्स द्वारा विकसित और एसआईआई के लाइसेंस के तहत निर्मित है.
ऐसे करती है काम
9. अमेरिकी कंपनी मर्क की मोलनुपिराविर’ (गोली) एक एंटीवायरल दवा है जो कुछ वायरस को बनने से रोकती है. इस दवा का निर्माण भारत में 13 कंपनियां करेंगी.
10.तोसिलीजुमाब स्विस दवा कंपनी रॉश, तोसिलीजुमाब द्वारा विकसित, तोसिलीजुमाब एक प्रतिरक्षारोधक उपाय है जिसका उपयोग मुख्य रूप से गठिया के इलाज के लिए किया जाता है और इसे कोविड-19 रोगियों में फेफड़ों के संक्रमण से लड़ने के लिए फिर से तैयार किया गया है.
11. 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी): रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज द्वारा विकसित, 2-डीजी केवल नुस्खे पर भारत में दी जाने वाली एक दवा है. इस दवा की खास बात ये है कि ये पाउडर के रूप में पैकेट में आती है और इसे पानी में घोल कर पीना होता है.
12. रिजेन-सीओवी2 एंटीबॉडी कॉकटेल: रॉश द्वारा विकसित, यह मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कासिरिविमैब और इमदेविमाब का एक संयोजन है जिसे हल्के से मध्यम कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए एक साथ दिया जाता है.
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