कांग्रेस के स्थापना दिवस पर बोले गहलोत, देश में हिंदुत्व के नाम पर कट्टरता फैलाने वाले हैं नकली हिंदू….

कांग्रेस पार्टी आज अपना 137वां स्थापना दिवस मना रही है जहां देशभर में कांग्रेस कार्यालयों में कई तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में राजस्थान में कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे जहां उन्होंने एक बार फिर राहुल गांधी के हिंदुत्व वाले बयान पर टिप्पणी की. सीएम गहलोत ने कहा कि आज देश को राहुल गांधी के हिंदू बनाम हिंदुत्व वाले बयान का मर्म समझने की जरूरत है.

गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने देश में हिंदू को लेकर जिस बहस की शुरूआत की है उसमें महान संस्कार रीति और नीति अंतर्निहित है लेकिन आज हमारे देश में ऐसे लोग सत्ता में है जो हिंदुत्व के नाम पर कट्टरता फैला रहे हैं और वह नकली हिंदू हैं.

कांग्रेस मुक्त कहने वाले खुद हो जाएंगे मुक्त

गहलोत ने आगे कहा कि बीजेपी के जो लोग हर दिन कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं उन्हें देश एक दिन मुक्त कर देगा. वह बोले कांग्रेस के त्याग और बलिदान का इतिहास देश की रगों में है और कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाले इस देश से एक दिन मुक्त हो जाएंगे.

गहलोत ने इतिहास को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस ने नेताओं ने आजादी के समय जेल में बंद रहकर देशवासियों को एकजुटता रहने का संदेश दिया था जिसके चलते अंग्रेजों ने हार मानी और देश छोड़कर चले गए लेकिन आज सत्तारूढ़ पार्टी संविधान की धज्जियां उड़ा रही है, संस्थाओं को नष्ट करने का काम किया जा रहा है.

संत कालीचरण के बयान की निंदा

मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल में संत कालीचरण के महात्मा गांधी को लेकर दिए गए बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. गहलोत ने कहा कि हम हमेशा से साधु-संतों का सम्मान करते है लेकिन आज कुछ साधु-संतों की तरफ से जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. उन्होंने कहा इस तरह की बयानबाजी करने वाले साधु-संतों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

बता दें कि हाल में रायपुर के रावणभाठा मैदान में आयोजित धर्म संसद के मंच से कालीचरण महाराज का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर दिया गया एक बयान वायरल हुआ था जिसमें वह हिदुस्तान के बंटवारे के लिए गांधी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इसके अलावा कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी की हत्या करने के लिए नाथूराम गोडसे को धन्यवाद कहते हुए हाथ जोड़कर प्रणाम भी किया. इससे पहले हरिद्वार में हुई धर्म संसद का विवाद अभी भी चल रहा है.