नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि उसने एमयूएफजी बैंक लिमिटेड पर कर्ज के मामले में वैधानिक और अन्य पाबंदियों को लेकर जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने नियामक अनुपालन में कमियों के लिए दो सहकारी बैंकों पर भी जुर्माना लगाया है। एमयूएफजी बैंक को पहले द बैंक ऑफ टोक्यो-मित्सुबिशी यूएफजे लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।
आरबीआई ने कहा कि एमयूएफजी बैंक के 31 मार्च, 2019 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में पर्यवेक्षी मूल्यांकन के दौरान अन्य बातों के साथ-साथ, बैंक द्वारा कंपनियों को कर्ज और अग्रिम स्वीकृत करने के मामले में जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं करने के बारे में जानकारी मिली। इसके तहत बैंक ने ऐसी कंपनियों को कर्ज दिये जिनके निदेशक मंडल में ऐसे व्यक्ति शामिल थे जो अन्य बैंकों के बोर्ड में निदेशक थे।
एक अन्य बयान में आरबीआई ने कहा कि चिपलून अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, रत्नागिरी पर कुछ मामलों में कर्ज की सीमा का पालन नहीं करने के लिए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा दत्तात्रेय महाराज कलांबे जाओली सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई पर भी इसी प्रकार के मामले में एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
यही नहीं रतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने नियमों के उल्लघंन को लेकर भुगतान मंच प्रदान करने वाली कंपनी वन मोबिक्विक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और स्पाइस मनी लिमिटेड पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने कहा कि दोनों कंपनियों ने भारत बिल भुगतान परिचालन इकाइयों (बीबीपीओयू) के लिए नेटवर्थ को लेकर जारी आवश्यक निर्देशों का पालन नहीं किया था। उसने कहा कि यह उल्लघंन भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की एक धारा से संबंधित थे, इसलिए दोनों संस्थाओं को नोटिस जारी किया गया था।
केंद्रीय बैंक ने अपने आदेश में कहा, “दोनों कंपनियों की लिखित प्रतिक्रिया और व्यक्तिगत सुनवाई की समीक्षा के बाद निर्देशों का पालन न करने के उपरोक्त आरोपों की पुष्टि करते हुए आरबीआई मौद्रिक दंड लगाया जाने के निष्कर्ष पर पंहुचा है।”
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