⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में आनंद मेला का हुआ आयोजन, विभिन्न लजीज व्यंजनों सहित मनोरंजक गेम्स का आनंद लिया विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने ।
⭕ आनंद मेले में आगंतुक अभिभावकों के समक्ष इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के सितारों ने प्रस्तुत किए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, नन्हे बच्चों के ठुमकों ने झूमने को विवश किया दर्शकों को ।
⭕ विद्यार्थी भविष्य में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का प्रयत्न करते हैं तो वहीं दुसरी ओर उनके मन से डर का भाव खत्म होता है – श्री राजवीर नरवाल, डायरेक्टर, एसीबी ।
⭕ बच्चों को जिम्मेदार बनाना एवं समाजिकता का विकास करना ही हमारा उद्देश्य-डॉ संजय गुप्ता।
⭕ विविध पाठ्य सहगामी क्रियाओं के साथ-साथ अनेक मनोरंजक कार्यक्रम भी बच्चों के मानसिक विकास में होते हैं सहायक-डॉ. संजय गुप्ता
⭕ स्वयं व्यवसाय कर लेन-देन की बारीकियों सहित अर्थव्यवस्था की भी सीख मिलती है आनंद मेले में बच्चों को-श्री सव्यसाची सरकार
कोरबा 24 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। हमारे देश की यही खासियत है कि यहाँ लोग हर छोटे-बड़े लम्हों में खुशियों की तलाश करते हैं । जीवन की व्यस्ततम भागदौड़ में हम लोग हर पल में खुशियाँ तलाशते रहते हैं । निरंतर कार्य करते रहने के पश्चात हम शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से तनाव व थकान महसूस करते हैं । तब आवश्यकता अनुभव होने लगती है कुछ आकर्षक व मनोरंजक आयोजनों या कार्यक्रमों की । इसी प्रकार विद्यालय में भी वर्षभर विद्यार्थी पढ़ाई सहित विभिन्न क्रियाकलापों में व्यस्त रहते हैं चूंकि विद्यालय का प्रथम कर्तव्य ही यही है कि वह अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों का शारीरिक व मानसिक विकास करे अतः विद्यार्थियों में एक नई ऊर्जा व उत्साह का संचार करने के लिए विद्यालय में समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे-निबंध प्रतियोगिता, कविता वाचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, खेलकूद प्रतियोगिता इत्यादि । उपर्युक्त सभी आयोजनों से अलग व आकर्षक एक आयोजन है आनंद मेला । इस मेले का आनंद व उत्साह ही न्यारा होता है ।
आई. पी. एस. दीपका में एक विशेष आयोजन रखा गया जिसका नाम था मनोरंजन मेले स्वरूप “फन फिएस्टा“ और आई. पी. एस. दीपका ने सभी गेवरा-दीपका वासियॊं को अपने इस “फन फिएस्टा“ के आयोजन में सादर आमंत्रित किया था।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में यूँ तो प्रत्येक आयोजनों को एक अलग तरीके से आयोजित किया जाता है लेकिन इस वर्ष विद्यालय में आयोजित आनंद मेला विभिन्न दृष्टिकोणों से अलग था । स्कूल में हर वह पल जहॉ से ज्ञान एवं जागरूकता का सबक मिलें, बच्चों को अवसर दिया जाता है कि इसमें वो अपनी प्रतिभा को दिखा सकें फिर बाल दिवस का सुअवसर कैसे रह सकता है।
आनंद मेला में पूरी व्यवस्था विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा 8 वीं से लेकर 12 वीं तक विद्यार्थियों ने संभाली । एक से बढ़कर एक आकर्षक व सजे हुए स्टालों को देखकर सबका मन प्रफुल्लित हो जाता था साथ विभिन्न स्टालों में विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों की भी भरमार थी । एक तरफ जहाँ बच्चों के पसंदीदा मैगी, पास्ता, पेटीस व आईसक्रीम थे तो वहीं दूसरी ओर गुपचुप चाट, भेल, मामोस, समोसे जैसे चटपटे व्यंजनों सहित चाय, कॉफी, लस्सी इत्यादि की व्यवस्था थी । कई स्टालों में आकर्षक गेम्स को सम्मिलित किया गया था ।
कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती के तैल्य चित्र में माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्वलित के साथ की गई । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता सहित मुख्या अतिथि के रूप में एसीबी डायरेक्टर श्री राजवीर नरवाल जी उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती निवेदिता स्वैन ने किया । कार्यक्रम में प्री-प्रायमरी व प्रायमरी तथा मिडिल स्तर के विद्यार्थियों द्वारा आकर्षक नृत्य व गीत की प्रस्तुति की गई । नन्हे-मुन्हें बच्चों की फैंसी ड्रेस प्रस्तुति ने भी सबका मन मोह लिया जिसमें बच्चों ने डॉक्टर के रूप में, कोई सैनिक, किसान, वकील तो कोई आम नागरिक की हैसियत से लोगों को सफाई व कोरोना से बचाव की सीख देता दिखा । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावकों सहित आसपास के निवासियों ने शिरकत की और अपना सहयोग दिया । साथ ही लजीज व्यंजनों का जमकर आनंद लिया ।
मुख्य अतिथि श्री राजवीर नरवाल, डायरेक्टर, एसीबी ने कहा कि विद्यालयों में इस प्रकार के आयोजन से न सिर्फ अभिभावकों का मनोरंजन होता है अपितु बच्चों में भी सामाजिकता का विकास होता है । एक ओर वे भविष्य में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का प्रयत्न करते हैं तो वहीं दुसरी ओर उनके मन से डर का भाव खत्म होता है ।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि विविध पाठ्य सहगामी क्रियाओं के साथ-साथ अनेक मोरंजक कार्यक्रम भी बच्चों के मानसिक विकास में सहायक होते हैं । इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास व आत्मनिर्भरता का भी विकास होता है साथ ही वे लेन-देन के माध्यम से मुद्रा के विनिमय व अर्थव्यवस्था का भी पाठ सीखते हैं । इस मस्ती मेले के आयोजन का एक मात्र उद्देश्य बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास एवं प्रायोगिक स्तर पर व्यवसायिक ज्ञान देना है। इंडस स्कूल का उद्देश्य बच्चों को जिम्मेदार बनाना है, मेले के आयोजन से होने वाले लाभ को दान करने से बच्चों में सामाजिकता एवं नैतिकता के मूल्यों का विकास होगा एवं बच्चे भविष्य में भी ऐसे अवसरों पर इस तरह के कार्य करने हेतु आगे आयेंगें।
विद्यालय के शैक्षणिक समन्वयक श्री सव्यसाची सरकार ने कहा कि विद्यार्थियों को स्वयं के व्यवसाय से लेन-देन सहित अर्थव्यवस्था की भी जानकारी मिलती है साथ ही उनमें आत्मविश्वास, रचनात्मकता व आपसी सामंजस्य की समझ भी विकसित होती है ।
प्री-प्रायमरी व प्रायमरी स्तर की शैक्षणिक समन्वयक श्रीमती सोमा सरकार ने कहा कि विद्यार्थियों में रचनात्मकता एवं आत्मविश्वास का विकास यदि हम देखना चाहते हैं तो उन पर बेवजह बंदिशें न लगाएं अपितु विद्यालय में ऐसे ही आयोजन कर उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करने का अवसर अवश्य दें । इससे न केवल वे अपनी क्षमता व कार्य-कुशलता का प्रदर्शन करेंगें अपितु उनमें सामंजस्य की भावना भी विकसित होगी ।
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