अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा कृषि की विकास दर तेज : डाॅ. सेंगर

0 कृषि विश्वविद्यालय में मनाया गया राष्ट्रीय किसान दिवस

रायपुर 23 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। कृषि महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को भारत के पांचवें प्रधान मंत्री चैधरी चरण सिंह का जन्म दिवस राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया गया। उद्गार व्यक्त करते हुए कुलपति डाॅ. एस.एस. सेंगर ने कहा कि जमीन सीमित है, जल सीमित है तथा जनसंख्या बढ़ती जा रही है, सीमित साधनों में नई तकनीक को अपनाकर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केवल 33 प्रतिशत कृषक ही उन्नत तकनीक अपनाते हैं।

‘कृषि विश्वविद्यालय आपके द्वार’ जागरूकता सप्ताह का शुभारम्भ करते हुए कुलपति डाॅ. सेंगर ने आशा व्यक्त की कि उन्नत कृषि तकनीक गांव के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए। कृषि की महत्ता बताते हुए कुलपति डाॅ. संेगर ने आगे कहा कि चिकित्सा शिक्षा के बाद कृषि शिक्षा का क्रम आता है। कृषि में शिक्षा ग्रहण करने के बाद कृषि विकास निश्चित होता है तथा कृषि आधारित व्यवसायों को भी प्रोत्साहन मिलता है। कोरोना काल में अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा कृषि की विकास दर अच्छी रही है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ. एस.एस. सेंगर ने किसानों एवं शालेय छात्र-छात्राओं को पौधे एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. (मेजर) जी.के. श्रीवास्तव ने पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह को किसानों का मसीहा बताया तथा कृषि का परिदृष्य बताते हुए कृषि से आत्म निर्भरता और संमृद्धि पर बल दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संचालक बीज एवं प्रक्षेत्र डाॅ. पी.के. चन्द्राकर ने अपने संबोधन में कहा कि जीवन स्तर कृषि से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि धान में बीज प्रतिस्थापन की दर 50 से 55 प्रतिशत है जबकि अलसी में यह दर केवल 5 से 6 प्रतिशत है

, इसलिए किसानों को अपना बीज स्वयं तैयार करना चाहिए। इस अवसर पर प्रभारी अधिष्ठाता डाॅ. व्ही.के. दुबे ने कृषि की महत्ता बताते हुए कहा कि कृषि में व्यापक संभावनाएं हैं जिसमें किसानों और ग्रामीणों का विकास छुपा है। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, किसान और शालेय छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अरूण त्रिपाठी ने किया एवं कार्यक्रम के अन्त में आधार प्रदर्शन कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. सुदर्शन चन्द्रवंशी ने किया।

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