राजस्थान में दलितों के लिए घोड़ी पर बिंदोली निकालना किसी खतरे से कम साबित नहीं हो रहा है. लगातार ऐसी घटनाएं सामने आने से दलित समाज में डर और रोष है. ताजा मामला राजस्थान के उदयपुर के सालेरा खुर्द गांव का है जहां एक दलित दूल्हे की सुरक्षा के लिए घर पर महीने भर से 24 घंटे पुलिस तैनात है, महज इसलिए क्योंकि दूल्हे ने घोड़ी पर अपनी बिंदोली निकाली.
दरअसल बीते 27 नवंबर को गांव में शादी से पहले दूल्हे ने बिंदोली निकाली जिसको देखकर गांव के कुछ दबंग आगबूबला हो गए और जमकर पथराव, मारपीट हुई जिसके बाद से यहां पुलिस की तैनाती की गई है.
दलित दूल्हों का बिंदौली निकालना नामुमकिन !
गौरतलब है कि यह हालात सिर्फ उदयपुर जिले के एक गांव के नहीं है. एक रिपोर्ट के मुताबिक उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और बूंदी में भी बिंदोली निकालना जान पर खेलने के बराबर है. इन जिलों से भी कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहां बिंदोली निकालने पर दू्ल्हे के परिवार से मारपीट की गई.
अगर हम आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले 8 साल में राजस्थान में 96 ऐसी घटनाएं हुई जहां दूल्हों को घोड़ी से उतारा गया. वहीं एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 5 साल में राजस्थान में दलित अत्याचारों के मामलों में 66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
बता दें कि कई जिलों में दलित दूल्हों के घोड़ी पर बैठने के दौरान उन पर पेट्रोल छिड़कने, आग लगाने जैसी कोशिशें भी की गई है. वहीं शादी के बाद परिवार को समाज में झेलने वाली दिक्कतें अलग है.
8 साल में 96 शादियों में दबंगों का आतंक
साल | शादी |
2014 | 20 |
2015 | 18 |
2016 | 16 |
2017 | 08 |
2018 | 09 |
2019 | 07 |
2020 | 07 |
2021 | 11 |
वहीं राजस्थान पुलिस के सालाना आंकड़ों के मुताबिक 2021 में ऐसी 7028 घटनाएं सामने आई हैं जो 2017 बाद से लगातार बढ़ रही है. गौरतलब है कि राजस्थान में पहली बार सरकार में 9 दलित मंत्री जिनमें से 4 कैबिनेट मंत्री हैं इसके बावजूद सूबे में आए दिन होने वाली ऐसी घटनाएं सरकार और पुलिसिया तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है.
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