उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में कई नेता चुनावी मैदान में ताल ठाकने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन इस बार कानपुर जेल में बंद दस्यु सुंदरी सीमा यादव ने भी चुनावी रण में उतरने का ऐलान किया है. 12 साल की उम्र में जिस सीमा को उसके पति ने ही डकैतों को बेच दिया था, अब उस का कहना है कि राजनीति के गलियारे में पैर रखकर वह समाज के लिए कुछ अलग करना चाहती है.
कानपुर देहात की दूसरी दस्यु सुंदरी सीमा यादव एक बार फिर सियासत के गलियारे में कदम रखने जा रही हैं. सीमा यादव ने सिकंदरा विधानसभा (Sikandra Assembly Seat) से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दरअसल सीमा यादव जब 11 साल की हुई तो ही उनके पिता ने उनकी शादी तय कर दी थी. 1998 में इटावा के भवानीपुर गांव के निवासी कल्लू सिंह से शादी सीमा की शादी की गई.
पति ने 60 हजार में किया डकैतों से सीमा का सौदा
शादी के बाद सीमा ने देखा कि घर में बंदूकधारी उसके पति से मिलने आते रहते हैं. डकैतों को घर में देखकर सीमा हैरान थी. जिसके बाद उन्होंने इस बात विरोध किया. इस बात पर ससुराल वालों ने सीमा को 60 हजार में डकैतों को बेच दिया. जिसके बाद 12 साल की उम्र में वह चंबल की डकैत बन गई. सीमा फिलहाल कानपुर जेल में बंद है. मंदलवार को पेशी के लिए आई सीमा ने मीडिया के सामने कहा कि वह इस बार सिकंदरा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव में उतरेंगी.
महिलाओं की आवाज बनना चाहती हैं सीमा
सीमा का कहना है कि वह राजनीति के गलियारे में पैर रखकर समाज के लिए कुछ अलग करना चाहती है. खासकर महिलाओं को लेकर हो रहे उत्पीड़न और अत्याचार के लिए वह उनकी आवाज बनना चाहती हैं. सीमा का कहना है उनसे चुनाव लड़ने के लिए कई पार्टियों ने संपर्क किया है. लेकिन वह निर्दलीय ही लड़ेंगी. वह 2017 में भी सिकंदरा विधान सभा से चुनाव लड़ चुकीं हैं. वहीं, मिर्जापुर से लोक सभा का चुनाव भी लड़ चुकीं हैं.
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