बाल विवाह संशोधन बिल स्थायी समिति को भेजा गया, लोकसभा में पेश होने के बाद विपक्ष ने जताया था विरोध..

बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 (Child Marriage (Amendment) Bill, 2021) को लोकसभा में पेश करने के बाद विचार-विमर्श और जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेज दिया गया है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 की सिफारिश की है, जिसमें महिलाओं की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव है. अब इस बिल को स्थायी समिति के पास भेज दिया गया है.

इससे पहले इस बिल को लोकसभा में पेश करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा था कि ‘मैं यह पेश करना चाहूंगी कि हमारे देश में महिलाओं की समानता को शादी की उम्र में देखा जाना चाहिए. विभिन्न धर्मों के विभिन्न विवाह कानूनों का आह्वान करते हुए, मैं संशोधन विधेयक पेश करती हूं.” हालांकि, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी, तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय सहित कई विपक्षी नेताओं ने बिल का विरोध किया.

अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?

अधीर रंजन चौधरी ने इस बिल पर विरोध जताते हुए कहा था कि, ”हड़बड़ी में बहुत बड़ी गड़बड़ होती है. इस बिल को लेकर सरकार ने किसी स्टेकहोल्डर से बात नहीं की ना ही स्टेट से बात हुई. अचानक बिल लाया जा रहा है. मुझे हौरानी होती है कि सरकार अचानक बिल क्यों लाती है. इससे सरकार के नापाक इरादे साफ होते हैं. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि हमारी मांग है कि इस विधेयक को तुरंत स्थायी समिति को भेजा जाए.

इसके जवाब में ईरानी ने कहा, “आजादी के इतने सालों के बाद, पुरुषों और महिलाओं को विवाह में समान अधिकारों की आवश्यकता है. यह संशोधन पुरुषों और महिलाओं को 21 साल की उम्र में शादी करने की अनुमति देता है. हमारे शोध से पता चलता है कि 21 लाख बाल विवाह को रोकना पड़ा और कई कम उम्र की लड़कियां गर्भवती पाई गईं. इसलिए आप महिलाओं को उनके समानता के अधिकार से रोक रहे हैं.”

असदुद्दीन ओवैसी ने भी जताई थी आपत्ति

इससे पहले इस बिल को लेकर असदुद्दीन ओवैसी का बयान भी सामने आया था. उन्होंने कहा था कि ”मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए शादी की उम्र बढ़ाकर 21 करने का फैसला किया है. यह पितृसत्ता है जिसकी हम सरकार से उम्मीद करते आए हैं. 18 साल के पुरुष और महिला कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, प्रधान मंत्री चुन सकते हैं और सांसदों और विधायकों का चुनाव कर सकते हैं लेकिन शादी नहीं कर सकते?”

उन्होंने कहा था कि ये बेहद हास्यास्पद है कि वह लिव इन रिलेशनशिप के लिए भी सहमति जता सकते हैं लेकिन अपने जीवन साथी का चुनाव नहीं कर सकते. उन्होंने आगे कहा, ”पुरुषों और महिलाओं दोनों को कानूनी तौर पर 18 साल की उम्र में शादी करने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि अन्य सभी चीजों के लिए उन्हें कानून वयस्कों के रूप में मानता है.”