झारखंड 20 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जेपीएससी (JPSC Exam) पर हंगामा शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. जेपीएससी मामले पर बार-बार सदन में नेताओं को हंगामा होता रहा. कार्यस्थगन भी लाया गया. 12.30 बजे सदन की कार्रवाई शुरू हुई लेकिन विधायक जेपीएससी मामले पर हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) का जवाब मांग रहे थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाब में कहा कि पूरे देश में इतने बड़े पैमाने पर किसी पब्लिक सर्विस कमीशन में छात्र हिस्सा ले रहे हैं. पहली बार पीटी में बड़े पैमाने पर आदिवासी, दलित और पिछड़े छात्र चुन कर सामने आये हैं. जेपीएससी की परीक्षा आयोग की तरफ से ली गयी है. इसमें सरकार का कहीं से भी हस्तक्षेप नहीं है. ये कहीं से भी साबित नहीं होता.
सोमवार को मुख्यमंत्री ने इस पर बेहद तल्ख जवाब दिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ‘देश में पहली बार जेपीएससी (सिविल सेवा) की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम आया है. आरक्षित श्रेणी के बच्चे सामान्य कैटेगरी में जा रहे हैं. इस बार सामान्य कैटेगरी में कम बच्चे उत्तीर्ण हुए हैं.’
‘मनुवादी लोगों के पेट में हो रहा दर्द’
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में आगे कहा, ‘ST/SC/OBC के बच्चे आगे आ रहे हैं तो मनुवादी लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. आंदोलन में विश्व हिन्दू परिषद के नेता को धरना पर बैठाया और इसके बाद आंदोलनकारियां को राशन-पानी पहुंचाया जाता है.’ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्षी पार्टी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसी डबल इंजन की सरकारी चलाई गई जिसकी बोगी में पैसेंजर ही नहीं थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपीएससी एक स्वतंत्र संस्था है. परीक्षा परिणाम में राज्य सरकार ने कहीं कोई हस्तक्षेप नहीं किया है.
सीएम हेमंत सोरेन ने रघुवर दास पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रघुवर दास (पूर्व सीएम) कहते हैं कि जेपीएससी मामला गरमाया हुआ है. लेकिन, उन्हें जेपीएससी का मतलब भी नहीं पता. भाजपा की डबल इंजन की सरकार तो थी लेकिन, इंजन में कहीं कोई बोगी नहीं था. बता दें कि झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Jharkhand Assembly Winter Session) की आज सोमवार को कार्यवाही शुरू हुई. जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया .विपक्ष के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. विधायक JPSC PT परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे. विपक्ष के विधायक हेमंत सरकार हाय-हाय के नारे लगा रहे थे.
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