मानवीय मूल्यों के बिना मीडिया का उद्देश्य अधूरा : प्रो. बलदेव शर्मा

0 ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश की छठवी पुण्यतिथि पर आयोजित परिसंवाद

रायपुर 19 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता-जनसंचार विवि के कुलपति प्रो. बलदेव शर्मा ने कहा कि मानवीय मूल्यों के बिना मीडिया का उददेश्य पूरा नहीं हो सकता। दूसरों को सुख मिले, उसका फायदा हो और उसका दु:ख दूर हो यही सोचना ही मूल्यबोध है। पत्रकारिता के आगे सबसे बड़ी चुनौती व्यवसायिकता है। मडिया कर्मी तो ऋषि परम्परा का वंशज है। जग को सुखी बनाना, दु:खी व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना यह पत्रकार का काम होना चाहिए। अन्यथा मीडिया लोकोपकार, जन जागरण और सत्यान्वेषण का माध्यम नहीं रह पाएगा।

प्रो. बलदेव शर्मा रविवार को प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मीडिया प्रभाग के आयोजित मीडिया परिसंवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसका आयोजन मीडिया प्रभाग के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश की छठवीं पुण्य तिथि के अवसर पर किया गया था। विषय था -मूल्यगत मीडिया और चुनौतियाँ। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया सिर्फ समाचार सकंलन करने का माध्यम नहीं है। बल्कि मीडिया का कार्य जन चेतना जागृत करना है जो कि मानवीय मूल्यों के बिना सम्भव नहीं है। कोरोना काल में पत्रकारों ने बहुत अच्छा प्रशंसनीय कार्य किया है। उन्होंने जोखिम उठाकर सूचनाएं इकठ्ठा किया और लोगों तक कोरोना से बचाव के लिए जानकारी उपलब्घ कराई।

नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार एवं विश्लेषक एनके सिंह ने अपने वीडियो सन्देश में कहा कि आज बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा माता-पिता से नहीं मिल पा रही है। ऐसे बच्चों को शारीरिक, नैतिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाना सबसे बड़ी चिन्ता का विषय होना चाहिए। प्राथमिक स्कूलों में मूल्यनिष्ठ शिक्षा देने की आवश्यकता है। माता-पिता और शिक्षकों को वेल्यू एजुकेशन देने का कार्य ब्रह्माकुमारी संस्थान अच्छे से कर सकता है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा को स्कूली पाठ््यकम में शामिल करना चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे ने कहा कि समय के साथ परिस्थितियाँ, विचार और सोच बदलते रहता है। इसी प्रकार मीडिया की भूमिका में भी समयानुसार बदलाव आता है। आज का मीडिया पहले से ज्यादा आक्रामक है। पत्रकारिता के क्षेत्र में गलाकाट स्पर्धा है। पत्रकार को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया, समाज और मूल्य तीनों एक दूसरे के पूरक हैं। हमारा समाज मूल्यों से बनता है। आज जब अखबारों में घोटालों की खबरें छपती हैं। तो समाज आगे नहीं आता है। उनकी चर्चा ड्राइंग रूम तक ही सीमित होकर रह जाती हैं। मीडिया समाज से अलग नहीं है। समाज में बदलाव लाने के लिए हमें आगे आना होगा। हमें यह ध्यान रखना होगा कि जब हम किसी पर उंगली उठाते हैं तो चार उंगलियाँ हमारी अपनी ओर होती हैं। सोशल मीडिया के सक्रिय होने के कारण कोई भी खबर छुपायी नहीं जा सकती।

परिसंवाद की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने कहा कि वर्तमान समय हमारी इच्छाएं बहुत बढ़ गई हैं और यही दु:ख का सबसे बड़ा कारण बन गया है। जीवन में अनेक चुनौतियाँ आती हैं। जब भी कोई मुश्किल आए तो उस समय हमेशा यह सोचो कि यह वक्त भी गुजर जाएगा। इससे आपको चुनौतियों का समाना करने की शक्ति मिलेगी। ब्रह्माकुमारी जैसे संगठन हमें इच्छाओं पर नियंत्रण करना सिखाते हैं। शान्ति सरोवर में आने से मन को शान्ति मिलती है। यहाँ आने से हमें अपने अन्दर झांकने की प्रेरणा मिलती है।

मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि पत्रकार की कलम में तलवार से भी अधिक ताकत होती है। किन्तु वर्तमान समय मीडिया में बाजारवाद हावी होने के कारण मूल्यों का क्षरण हो रहा है। कलम तो पत्रकार का है किन्तु स्याही मालिक की हो गई है। जनभावनाओं को अभिव्यक्ति देना और समाज की गड़बडिय़ों को उजागर करना ही मीडिया का प्रमुख दायित्व होना चाहिए।

इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने सभी मीडिया कर्मियों का स्वागत करते हुए कहा कि मीडिया समाज का दर्पण है। मानवीय मूल्यों के बिना जीवन में सुख और शान्ति सम्भव नहीं है। आध्यात्मिकता से ही जीवन में मानवीय मूल्यों का संचार होगा।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाई जी, वरिष्ठ पत्रकार कमल दीक्षित, गोविन्द लाल वोरा, मुख्य सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत सहित अन्य शहीद बहादुर जवानों को दो मिनट मौन रहकर श्रद्घाजंलि दी गई।

परिसंवाद में बिजनेस स्टैण्डर्ड के राज्य प्रमुख आर. कृष्णादास और वरिष्ठ पत्रकार शिरीष मिश्रा ने भी विचार व्यक्त किया। के प्रारम्भ में स्थानीय गायिका कु. शारदा नाथ ने मधुर स्वर में स्वागत गीत प्रस्तुत कर भाव विभोर कर दिया। योग आयोग की पूर्व सदस्य ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने राजयोग मेडीटेशन का अभ्यास कराया। मीडिया वेबीनार का संचालन सहारा समय की राज्य प्रमुख प्रियंका कौशल ने किया।