दो राजनीतिक नेताओं की हत्या के बाद गरमाई सियासत, धारा 144 लागू

अलप्पुझा/तिरुअनंतपुरम। केरल में एक के बाद एक दो राजनीतिक नेताओं की हत्या के बाद तनाव पैदा गया है। अलप्पुझा जिले में 12 घंटे में दो नेताओं की हत्या कर दी गई है, जिसके बाद माहौल गरमा गया है। इसके बाद इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हत्याओं की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि घटना के पीछे कौन है और दोषियों को भी जल्द पकड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के ऐसे जघन्य और अमानवीय कृत्य देश के लिए खतरनाक हैं और लोगों को ऐसे समूहों और उनकी घृणित गतिविधियों से दूर रहना चाहिए। केरल में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआई) के राज्य सचिव केएस शान पर शनिवार की रात उस समय बेरहमी से हमला किया गया, जब वह घर वापस जा रहे थे। उनकी पार्टी का आरोप है कि इसके पीछे आरएसएस का हाथ है।

पुलिस ने बताया कि हमले के बाद शान को कोच्चि के अस्पताल ले जाया गया जहां आधी रात के करीब उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस को संदेह है कि शान की हत्या के प्रतिशोध में भाजपा राज्य समिति के सदस्य श्रीनिवास पर घातक हमला किया गया।

राज्य के पुलिस प्रमुख (एसपीसी) अनिल कांत ने मीडिया को बताया कि जिले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डेरा डाले हुए हैं और वहां अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि एडीजीपी-ला एंड आर्डर दो हत्याओं की जांच का नेतृत्व करेंगे। कांत ने यह भी कहा कि राज्यव्यापी अलर्ट की घोषणा की गई है और सभी जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखें और यदि आवश्यक हुआ तो और अतिरिक्त बल तैनात किए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने भाजपा नेता की हत्या को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि अगर एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद पुलिस ने उचित कदम उठाए होते ऐसी स्थिति पैदा नहीं होती। उन्होंने कहा कि एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद श्रीनिवास की हत्या राज्य सरकार और पुलिस द्वारा एहतियाती या निवारक कदम नहीं उठाने का परिणाम है।

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि भाजपा नेता की हत्या के पीछे एसडीपीआई का हाथ है। मुरलीधरन ने कहा कि केरल में ऐसी घटनाएं नई बात नहीं है। उनका आरोप है कि हाल ही में पलक्कड़ में इस तरह की एक घटना में सरकार और माकपा ने सक्रिय रूप से हमलावरों का बचाव किया था।

उन्होंने कहा कि केरल में वामपंथी सरकार इस्लामिक आतंकी समूहों को खुली छूट दे रही है और इससे राज्य में हालात और खराब हो रहे हैं। मुख्यमंत्री को ऐसे समूहों के प्रति अपने प्रशासन का रुख बदलना चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। कंद्रीय मंत्री ने इन आरोपों से इन्कार किया है कि एसडीपीआई नेता की मौत के पीछे आरएसएस का हाथ था। उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में प्रभुत्व के लिए सीपीआई (एम) और एसडीपीआई के बीच संघर्ष चल रहा था। पुलिस को इस बात का पता लगाना चाहिए कि कौन इस मामले में भाजपा को फंसाने की कोशिश कर रहा है।