जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं में हो रही बढ़ोत्तरी, सफल सिजेरियन प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

रायपुर/ धरसींवा 18 दिसंबर (वेदांत समाचार)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  धरसींवा में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।  इसी क्रम में सीएचसी धरसींवा मेंपहली बार सिजेरियन प्रसव कीव्यवस्था शुरू की गई है । पहले दिन ही दो सफल सिजेरियन प्रसव किए गए। ऑपरेशन उपरांत जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं ।प्रसूता महिला चित्रलेखा साहू और चाँदनी वर्मा का सिजेरियन (ऑपरेशन) के माध्यम से प्रसव करवाया गया।

इस बारे में प्रसूता चित्रलेखा बताती है, “कोरोना संक्रमण काल के कारण वैसे ही आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है  और जब डॉक्टर ने सिजेरियन से प्रसव के बारे में कहा तो मैं डर गई । मुझे लगा बाहर किसी प्राइवेट अस्पताल में सिजेरियन कराना होगाजिसमें मेरा बहुत खर्चा हो जाएगा। मुझे इसकी जानकारी ही नहीं थी कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी सिजेरियन प्रसव हो सकता है। तब डॉक्टर ने मुझे आश्वासन दिया कि कहीं प्राइवेट अस्पताल में जाने की जरूरत नहीं है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही सिजेरियन प्रसव  हो जाएगा। फिर सभी जरूरी जांचों के बाद मेरा ऑपरेशन किया गया। और अब मै और मेरा बच्चा बिलकुल स्वस्थ हैं। यहाँ पर सभी सुविधाएँ मुझे निशुल्क मिलीं हैं । इसके साथ ही मैंने प्रसव पश्चात नसबंदी भी करा ली है अब भविष्य में गर्भ धारण की कोई चिंता भी नहीं रही है।“

इस बारे मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के मीडिया प्रभारी गजेंद्र डोंगरे ने बताया, ‘’मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल द्वारा पूर्व में जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को निर्देशित किया गया था कि,अगर किसी गर्भवती महिला को सामान्य प्रसव नहीं हो रहा है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्त्री रोग विशेषज्ञ की उपलब्धता होने पर सिजेरियन प्रसव किया जा सकता है। इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरसींवा में सिजेरियन प्रसव की सुविधा शुरू की गई है । जिसकी काफी अच्छे से शुरुआत हुई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरसींवा में नियमित रूप से प्रतिदिन 2 से 3 सामान्य प्रसव होते हैं एवं माह में लगभग 50 से 60  सामान्य प्रसव कराए जाते हैं। जिसमें एएनएम मितानिन सुपरवाइजर का विशेष सहयोग रहता है। प्रथम बार इस केंद्र पर सिजेरियन प्रसव किया गया है।“

सफलतापूर्वक सिजेरियन प्रसव कराने में सर्जन डॉ.हेमंत चंद्रवंशी, डॉ. एनके लकड़ा, डॉ.वीके इक्का, डॉ.एम भारती डॉ.विकास तिवारी डॉ.तौफीक पैरामेडिकल स्टाफ संध्या रात्रे, श्वेता सिंह, एन यदु, पूर्णेश्वर चेलक, बीके वर्मा, पी डोंगरे और राकेश महानंद एवं फार्मासिस्ट योगेश्वर नेताम, मितानिन और एएनएम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।