वैक्सीन लोगों को अस्पताल से दूर रखने के लिए है, टीका लगवाने का यह मतलब नहीं कि लापरवाही बरतें लोग: एक्सपर्ट..

देश में कोरोना (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron variant) के मामले बढ़ रहे हैं. अब तक 100 से ज्यादा लोगों में इस वेरिएंट की पुष्टि हो चुकी है. नए वेरिएंट के खतरे के बीच भी लोग काफी लापरवाही बरत रहे हैं. बाजारों और अन्य भीड़ वाले इलाकों में कोविड प्रोटोकॉल (Covid protocol) का पालन नहीं कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों को लग रहा है कि वह वैक्सीन (Vaccine) लगवा चुके हैं तो उनको अब संक्रमण होगा ही नहीं. इसलिए वह लापरवाही बरत रहें हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए.

सफदरजंद अस्पताल में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉक्टर जुगल किशोर ने TV9 भारतवर्ष से बातचीत में बताया कि जब वैक्सीन बनी थी. तब किसी ने भी यह दावा नहीं किया था कि टीका लगने के बाद संक्रमण नहीं होगा. वैक्सीन का फायदा यह है कि टीका लगने के बाद अगर किसी को संक्रमण होगा भी तो उसमें लक्षण हल्के होंगे. इससे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेंगी. लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि टीका लग चुका है तो उनको कोरोना नहीं होगा. डॉ. ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हमने देखा था कि जिन लोगों को टीका लग गया था उनको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी थी. पिछले कई महीनों में ऐसी रिसर्च भी आ चुकी है कि अगर ब्रेकथ्रू इंफेक्शन हुआ भी है तो लोगों में संक्रमण के बेहद हल्के लक्षण ही मिले हैं. इसलिए वैक्सीन का फायदा यह है कि कोरोना होने पर भी अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम रहेगी.

ओमीक्रॉन से सतर्क रहने की जरूरत

डॉ. किशोर ने कहा कि कई देशों में ओमीक्रॉन के बाद मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसलिए इस वेरिएंट को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. डॉ. जुगल बताते हैं कि जिन लोगों को नेचुरल इंफेक्शन हुआ है उनको ओमीक्रॉन वेरिएंट से ज्यादा खतरा नहीं है. ऐसे लोगों के दोबारा संक्रमित होने की आशंका काफी कम है. यही कारण है कि देश में इस नए वेरिएंट के गिनती के मामले आ रहे हैं. क्योंकि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा नेचुरल तरीके से कोरोना से संक्रमित हो चुका है.

ओमीक्रॉन पर लंबे समय तक अध्ययन की जरूरत

डॉ. के मुताबिक, ओमीक्रॉन के मरीजों में भले ही हल्के लक्षण मिले हैं और किसी को कोई गंभीर समस्या नहीं हुई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेरिएंट अब ऐसा रहेगा. वेरिएंट पर लंबे समय तक अध्ययन करने की जरूरत है. डॉ.जुगल का कहना है कि यह काफी राहत की बात है कि ओमीक्रॉन के मरीजों में हल्के लक्षण है. अगर आगे तक ऐसा ही रहा तो कोरोना की अगली लहर आने की आशंका कम रहेगी.