राज्य को नशा मुक्त बनाने का दावा कर रहे राजनीतिक दल, बठिंडा में ड्रग्स के ओवर डोज से 16 युवाओं की मौत से सरकार पर सवाल…

पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) नजदीक हैं. ऐसे में हर दल राज्य को नशा मुक्त करने का दावा और वादा कर रहा है. लेकिन वहीं दूसरी तरफ बठिंडा जिले में पिछले चार महीने में ड्रग्स के ओवर डोज से 16 युवाओं की मौत (16 Death Drugs Overdose) का खुलासा हुआ है. इस खबर से चन्नी सरकार के दावों और वादों की भी पोल खुल गई है. दरअसल चन्नी सरकार ने नशे के बड़े सौदागरों को जल्द से जल्द डेल में डालने का दावा किया था. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस रिकॉर्ड के हवाले से खुलासा हुआ है कि चार महीनों में ड्रग्स की वजह से बठिंजा जिले में 16 लोगों की मौत हो चुकी है.

वहीं मरने वालों की संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है. क्यों कि 16 का आंकड़ा थाने में दर्ज केस के मुताबिक है. हकीकत इससे अलग हो सकती है. विधानसभा चुनाव पास (Punjab Election) आते ही सभी राजनीतिक दल पंजाब को नशा मुक्त (Drugs Free Punjab) करने के दावे और वादे कर रहे हैं. उनका कहना है कि पंजाब से ड्रग्स को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा. 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुटका साहिब की कमस खाकर कहा था कि वह एक हफ्ते में पंजाब से नशा खत्म कर देंगे. लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है.

बठिंडा में ड्रग्स के ओवरडोज से 16 मौतें

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 16 दिसंबर को बठिंडा कोतवाली में केस दर्ज कराया गया था. जिसमें कहा गया है कि मानसा गांव खियाल कलां का रहने वाला 21 साल का जसप्रीत 14 दिसंबर को बठिंडा बस स्टैंड पर मिला था. उसके हाथ में इंजेक्शन था. लेकिन अस्पताल ले जाते ही उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि ड्रग्स के ओवरडोज की वजह से जसप्रीत की मौत हुई. इस मामले में एक शख्स पर धारा 304 के तहत केस दर्ज किया गया था. जिसकी जांच अभी भी चल रही है.

पंजाब को नशा मुक्त करने का वादा

ड्रग्स का एक और मामला कैनाल कॉलोनी पुलिस स्टेशन में भी दर्ज किया गया था. जिसमें बताया गया है कि बठिंडा के रहने वाला 26 साल का रवि सिंह भी 14 दिसंबर को रेलवे कॉलोनी में मृत मिला था. उसकी मौत भी ड्रग्स के ओवरडोज की वजह से हुई थी. इस मामले में दो लोगों के खिलाफ धारा 304 और NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

चुनावी मौसम में हर दल पंजाब को नशा मुक्त करने की बातें जोर-शोर से कर रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत सभी दावों और वादों से बिल्कुल अलग है. 2019 के आंकड़ों के मुताबिकर हर महीने पंजाब में नशे की वजह से 112 युवाओं की जान चली जाती है. सरकारें आईं और गईं, लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने पंजाब को नशा मुक्त नहीं किया. आगामी चुनाव में भी इसी तरह के वादें किए जा रहे हैं.