परसा कोल ब्लॉक के भूमि अधिग्रहण पर रोक नहीं, तथ्यों को गलत प्रकार से प्रस्तुत कर भ्रम फैलाने का प्रयास

सरगुजा 17 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम को जिला सरगुजा में आबंटित परसा कोल ब्लॉक को खनन स्वीकृति सम्बंधित सारी स्वीकृतिया केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा चुकी हैं तथा राज्य शासन से अंतिम स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात कोल ब्लॉक में खनन कार्य प्रारम्भ किया जा सकता है तथा कोल ब्लॉक हेतु निजी भूमि का अधिग्रहण अभी प्रक्रियाधीन है।

विदित हो कि परसा कोल ब्लॉक राजस्थान सरकार के उपक्रम राजस्थान विद्युत् उत्पादन निगम को आबंटित किया गया है जिसका उद्देश्य राजस्थान राज्य स्थित ताप विद्युत् परियोजनाओं को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। चूँकि रा. वि. उत्पा. नि. एक शासकीय उपक्रम है अतः शासकीय कोयला परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया कोयला मंत्रालय के निर्देशानुसार कोल बियरिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत निष्पादित की जा रही है जिसके विरुद्ध कुल 5 व्यक्तियों द्वारा माननीय उच्च न्यायलय में वाद दायर किया गया है।

उक्त प्रकरण की सुनवाई कल दिनांक 13 दिसंबर 2021 को माननीय उच्च न्यायालय में हुई जिसके दौरान प्रतिवादी केंद्र सरकार के वकील ने जवाब प्रस्तुत करने हेतु 6 सप्ताह का समय माननीय उच्च न्यायालय से माँगा तथा प्रतिवादी केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के वकील द्वारा न्यायालय को यह आश्वस्त किया गया कि आगामी तिथि तक उक्त 5 प्रार्थियों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में कोई कदम नहीं उठाया जायेगा। उक्त प्रकरण में सुनवाई की आगामी तिथि 10 जनवरी 2022 को निर्धारित की गयी है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिवादी वकीलों द्वारा दिए गए वक्तव्य संज्ञान में लेते हुए जारी आदेश में उसका उल्लेख किया है। इसके अतिरिक्त माननीय न्यायालय द्वारा अन्य कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

परसा कोल ब्लॉक के विरुद्ध चरणबद्ध रूप से दुष्प्रचार करने वाले तत्वों द्वारा समाचार पत्रों को भ्रामक तथा असत्य जानकारी प्रदान कर से ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा है की परसा कोल ब्लॉक की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर आगामी तिथि तक न्यायालय द्वारा रोक लगाई गयी है। इस प्रकार की भ्रामक खबरे फैलाकर तथा दुष्प्रचार के माध्यम से परसा कोल परियोजना के विकास को अवरुद्ध करने का षड्यंत्र किया जा रहा है ताकि कोल ब्लॉक में खनन की प्रक्रिया शुरू न हो सका ऐसे विकास विरोधी तत्वों का यह प्रयास है कि देश कि तापीय विद्युत् परियोजनाओं को कोयले कि उपलब्धता न हो सके तथा राज्य सरकार को रॉयल्टी तथा अन्य करो के रूप में मिलने वाली आय जिससे न केवल क्षेत्र का वरन प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो सकता है वह अवरुद्ध हो जाये।

राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम द्वारा जारी विज्ञप्ति के माध्यम से यह अपील की गयी है कि ऐसी तथ्यहीन तथा भ्रामक अफवाहों को ध्यान न दें जिनका उद्देश्य स्थानीय विकास, रोजगार के अवसर और क्षेत्र के सामाजिक विकास को अवरुद्ध करना है।