युवा निशानेबाजों की आत्महत्याओं से परेशान हुए अभिनव बिंद्रा, मदद के लिए आगे बढ़ाया हाथ..

पिछले कुछ महीनों में देश के चार युवा निशानेबाज आत्महत्या कर चुके हैं. गुरुवार को 26 साल की कोनिका लायक (Konica Layak) ने भी हावड़ा जिले के अपने आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.  धनबाद के धनसार की रहने वाली 26 साल की शूटर नेशनल लेवल कर कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा रहीं थीं. कोनिका की मदद के लिए सोनू सूद ने कुछ समय पहले उन्हें एक बंदूक भी थी.  ओलिंपिक मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) ने उभरते हुए खिलाड़ियों की आत्महत्या के मामलों पर चिंता जताई है. ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट विजेता अभिनव बिंद्रा ने अपनी फाउंडेशन के जरिए तनाव के इस समय में निशानेबाजों की मदद की पेशकश की है.

निशानेबाजी समुदाय में हाल के महीनों में यह कथित तौर पर आत्महत्या का चौथा मामला है जिससे गंभीर सवाल उठने लगे हैं. हाल में युवा पिस्टल निशानेबाज खुशप्रीत कौर संधू (Khushpreet Sandhu) ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप (National Championship) में कम स्कोर बनाने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. खुशप्रीत (Khushpreet Sandhu) ने लीमा में पिछली विश्व चैंपियनशिप में जूनियर भारतीय टीम की ओर से डेब्यू किया था.

अभिनव बिंद्रा ने NRAI अध्यक्ष को लिखा पत्र

इससे पहले दो अन्य निशानेबाजों हुनरदीप सिंह सोहल और नमनवीर सिंह बरार ने भी कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. बिंद्रा ने भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) अध्यक्ष रानिंदर सिंह को लिखा, ‘मैंने देश में खिलाड़ियों की आत्महत्या के हालिया मामलों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए पत्र लिखा है. मैं निजी तौर पर इन खबरों से स्तब्ध हूं और मुझे लगता है कि जीवन को बचाने के लिए हमें जल्द से जल्द और जिम्मेदारी से कार्रवाई करनी होगी.’

युवा खिलाड़ियों की मदद करना चाहते हैं अभिनव

उन्होंने लिखा, ‘खिलाड़ी भी इंसान हैं, वह भी व्याकुलता, अवसाद का शिकार हो सकते हैं और उन्हें उत्कृष्टता हासिल करने के लिए सुरक्षित और अनुकूल माहौल देने की जरूरत है. हमारा इरादा खिलाड़ियों, कोच की मदद करना है.’ बिंद्रा ने अपने पत्र में लिखा, ‘इस पत्र के जरिए मैं खिलाड़ियों, कोच, प्रशासकों, माता-पिता और खेल परिस्थितिकी तंत्र के अन्य लोगों की जरूरत के समय मदद के लिए अपनी टीम की समय और ऊर्जा देने की पेशकश करता हूं.’ उन्होंने लिखा, ‘उम्मीद करता हूं कि आप मेरा प्रस्ताव स्वीकार करेंगे और हमें कुछ वर्चुअल सत्र के आयोजन का मौका देंगे जिसमें सभी स्तर पर हितधारकों की जागरूकता और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाएगा.’

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