जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के काम में तेजी के साथ ही एक्टिव हुए भू-माफिया, फार्म हाउस खरीद-फरोख्त के फर्जीवाड़े में एक गिरफ्तार…

देश की राजधानी दिल्ली से सटे यमुना एक्सप्रेस-वे पर चंद दिन पहले ही जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू करने का शिलान्यास विधिवत किया गया था. आने वाले वक्त में इलाके में जीवन यापन की बढ़ती उम्मीदों को देखकर, यहां जमीनों की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा करने वालों की भागीदारी भी अचानक बढ़ना शुरू हो गई. इसका भंडाफोड़ तब हुआ जब पुलिस ने फार्म हाउस खरीदने-बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया.

गिरफ्तार ठग का नाम मनोज कुमार शर्मा है. गिरफ्तार ठग मनोज मुंबई का रहने वाला बताया जाता है. आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि बुधवार को स्थानीय पुलिस ने की. घटनाक्रम के मुताबिक इस मामले में यमुना विकास प्राधिकरण की ओर से एक मुकदमा दर्ज करवाया गया था. प्राधिकरण अधिकारी द्वारा पुलिस को बताया गया था कि यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 29 और 32 में छोटे बड़े साइज के प्लाट्स को बेचे जाने के विज्ञापन, होर्डिंग्स लगे हुए हैं.

भू-माफियाओं के खिलाफ छापामारी जारी

इन विज्ञापनों और होर्डिंग्स के मुताबिक इलाके में 400 वर्गमीटर से लेकर 4000 वर्ग मीटर तक के प्लाट उपलब्ध हैं. खरीदने वाले संपर्क कर सकते हैं. पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो मालूम हुआ कि इस धंधे में कोई मनोज कुमार शर्मा शामिल है. जोकि नोएडा सेक्टर 125 में स्थित एक कंपनी में एसोसिएट डायरेक्टर है. मनोज शर्मा से जब पूछा गया तो उसने अपने साथ शामिल कई और लोगों के भी नाम लिए. जिनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है. फिलहाल मनोज कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस पता लगाने में जुटी है कि इस ठग गैंग ने अब तक कितने लोगों से कितनी रकम ऐंठ ली है?

प्राधिकरण अधिकारी ने दी थी शिकायत

पुलिस के मुताबिक यमुना विकास प्राधिकरण ने इस फर्जीवाड़े से संबंधित शिकायत 9 दिसंबर को दी थी. यह गैंग सोशल मीडिया पर भी अपने इस धंधे का प्रचार-प्रसार कर रहा था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस ठग गिरोह के चंगुल में फंस सकें. यह गैंग प्लाट्स के साथ-साथ यमुना विकास प्राधिकरण में फार्म हाउस बेचने तक का दावा अपने विज्ञापनों में कर रहे थे. गिरफ्तार आरोपी ने पुलिस पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. जिसके मुताबिक जब से इलाके में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया. तब से ही उन्हें इस तरह की ठगी में उतरने की उम्मीद जागी थी.

पुलिस और प्राधिकरण दोनों सतर्क

क्योंकि अब इस इलाके में जमीन लेने के इच्छुक ग्राहकों का रुझान बढ़ेगा. इसलिए उसने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर इस तरह के भ्रामक विज्ञापन सोशल मीडिया पर देने शुरू कर दिए थे. उधर इस मामले के सामने आने के बाद अब यमुना विकास प्राधिकरण भी सतर्क हो गया है. उसने अपने स्तर पर भी यह सुनिश्चित किया है कि आगे से इस तरह का फर्जीवाड़ा करने वाले और ठग इलाके में न पनप सकें. इस तरह के ठग प्राधिकरण और उसके इलाके को बदनाम करने का काम करेंगे. इस तरह की ठगी के मामलों पर पैनी नजर स्थानीय पुलिस भी रख रही है.