बंगाल 15 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। पश्चिम बंगाल के सॉल्टलेक में रात के समय सफर कर रही एक युवती को मदद के नाम पर पुलिसकर्मियों (Police) द्वारा छेड़खानी के मामले की जांच की जिम्मेवारी एक महिला आईपीएस अधिकारी को सौंप दी गई है. उनका नाम रूपश्री पहाड़ी है. वह बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट में एसीपी रैंक के अधिकारी हैं. शहर में एक युवती को रात में लिफ्ट देने के नाम पर बिधाननगर यातायात विभाग के एक सिविक वालंटियर और एक एएसआई पर छेड़खानी का आरोप लगाया गया है. अब उक्त महिला आईपीएस अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. उनकी सहायता के लिए दो महिला इंस्पेक्टर रैंक की अधिकारी हैं. इसके अलावा, एक पुरुष निरीक्षक और कुछ पुलिस कर्मी सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं.
कमिश्नरेट के सूत्रों के अनुसार, चूंकि पीड़िता ने पुलिस को गुप्त बयान दिया है और साथ ही घटना एक बेहद संवेदनशील घटना है, इसलिए एक वरिष्ठ अधिकारी को जांच सौंपा गया है. बिधाननगर कमिश्नरेट के सूत्रों के मुताबिक, बिधाननगर कमिश्नरेट महिला का बयान दर्ज करके, परिस्थितिजन्य साक्ष्य जुटाकर और गिरफ्तार पुलिस कर्मियों से पूछताछ करके घटना पर जल्द से जल्द पूरी रिपोर्ट देना चाहता है.
छेड़खानी के मामले में दो पुलिसकर्मियों को किया गया था गिरफ्तार
पता चला है कि पुलिस पहले ही कोर्ट को सूचना दे चुकी है कि महिला की टीआई परेड जल्द से जल्द कराई जाएगी. जांच अधिकारी आरोपित की आपराधिक गतिविधियों की भी जांच कर रहे हैं. बता दें कि छेड़खानी के आरोप में एक सहायक उप निरीक्षक और एक नागरिक रक्षा स्वयंसेवी को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया कि महिला बृहस्पतिवार की मध्यरात्रि के करीब आसनसोल से एक बस में सवार होकर आई थी और उसने आरोपियों से मदद मांगी थी.
पुलिसकर्मियों को लगे थे महिला के साथ छेड़खानी करने का आरोप
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों ने अपनी मोटरसाइकिल में महिला को लिफ्ट देने की पेशकश की और कथित तौर पर उसके साथ छेड़खानी की. उन्होंने बताया कि दोनों को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार की तड़के आरोपियों द्वारा उल्टाडांगा मोड़ पर उतारी गई महिला ने कस्बा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य में महिलाओं के लिए कोई सुरक्षा नहीं है. मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह घटना दर्शाती है कि शहर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए वादे कितने खोखले हैं.’’
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