जिस मानव ने शिशिर की कड़कती ठण्ड को सहन किया है, वही बसंत के बहार की सच्ची अनुभुति कर सकता है, जो दुख से परिचित है वहीं सुख की सच्ची…
जिस मानव ने शिशिर की कड़कती ठण्ड को सहन किया है, वही बसंत के बहार की सच्ची अनुभुति कर सकता है, जो दुख से परिचित है वहीं सुख की सच्ची…