मुमताज अली के हाथ से तैयार किए गए अंगवस्त्र से होगा पीएम मोदी का स्वागत, जानें क्या है तैयारियां…

काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं. पीएम मोदी 13 दिसंबर यानी सोमवार को इसका लोकार्पण करेंगे. काशी आगमन पर पीएम मोदी का स्वागत जीआई उत्पाद हस्तशिल्प से किया जाएगा. रुद्राक्ष जड़ित जरदोजी अंगवस्त्रम , त्रिशूल और कमल में विराजमान शिवलिंग देकर पीएम के अभिनंदन करने की योजना है.

सीएम द्वारा इन उत्पादों के जरिए पीएम मोदी का स्वागत किया जाएगा. इन उत्पादों को अंतिम रुप देने में हस्तशिल्पी जुटे हुए हैं. काशीपुरा के विजय केसरा, रमेश और स्टेट अवार्डी अनिल कसेरा द्वारा तीन फीट छह इंच का मेटल रिपोजी क्राफ्ट का त्रिशूल तैयार है. इसमें चार नाग की आकृति को भी बनाया गया है. वहीं लल्लापुरा निवासी मुमताज अली ने जरी-जरदोजी और रेशम का प्रयोग करते हुए पंचमुखी रूद्राक्ष के 24 दानों को लगाकर अंगवस्त्र तैयार किया है.

15-25 दिन में तैयार किया गया सारा सामान

रामकटोरा में रहने वाले वुज कार्विंग स्टेट अवार्डी चंद्रप्रकाश विश्वकर्मा द्वारा 22 इंच की आकृति में कमल की पंखुड़ियों के बीच शिवलिंग को स्थापित किया गया है. इस कमल शिवलिंग की विशेषता है कि इनकी पंखुड़ियों को बीच में स्थित बटन से घुमाकर खोला और बंद किया जा सकता है.

जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया कि इन उत्पादों को तैयार करने में 15 से 25 दिन का समय लगा है. इन उत्पादों को रविवार यानी आज प्रशासन को सौंपा जाएगा. काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर काशीवासियों में उत्साह है. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए घाटों पर देव दीपावली की तरह दीये जलाए जाएंगे. लेजर लाइट शो के साथ वाराणसी के सभी मंदिरों और सरकारी, प्राइवेट बिल्डिंग को सजाया जा रहा है.

4 हजार लोगों के शामिल होने की व्यवस्था

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन अवसर पर वाराणसी के अलावा देश-विदेश के विद्वान औऱ साधु-संतों को काशी में आने का न्योता भेजा गया है. इस दौरान पीएम मोदी के कुल 4 हजार लोगों के शामिल होने की व्यवस्था की गई है. काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के लाइव प्रसारण के लिए चैनलों के अलावा धार्मिक स्थलों, चौराहों पर टीवी स्क्रीन के माध्यम से कराया जाएगा. इससे जो लोग मौक पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. वो भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बन सकेंगे.

दुनियाभर के शिवभक्त इस ऐतिहासिक क्षण में भागीदार होने और मन भावन जटाजूट को एक पल निहारने के लिए काशी पहुंच रहे हैं. आलम ये है कि काशी की सड़के गुलजार है, होटलों में पैर रखने तक की जगह नहीं है. पर्यटन उद्योग और अन्य कारोबार में चार चांद नहीं बल्कि हजार चांद लग रहे हैं.