बोस्टन, पीटीआइ। विज्ञानियों ने एक हालिया अध्ययन में पाया है कि सुबह के मुकाबले दोपहर में कोविड वैक्सीन लगवाना ज्यादा फायदेमंद होता है। दोपहर में एंटीबाडी का स्तर अधिक होता है। बायोलाजिकल रिदम नामक पत्रिका में प्रकाशित यह अध्ययन बताता है कि 24 घंटे में शरीर के अंदर कई बदलाव होते हैं, इनमें संक्रामक रोगों के खिलाफ प्रतिक्रिया और टीकाकरण भी शामिल है।
अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल हास्पिटल (एमजीएच) से संबद्ध और अध्ययन की वरिष्ठ लेखिका एलिजाबेथ क्लेरमैन के अनुसार, ‘हमारा विश्लेषणात्मक अध्ययन इस अवधारणा को प्रमाण उपलब्ध कराता है कि दिन के अलग-अलग समय में कोविड-19 वैक्सीन की प्रतिक्रिया भिन्न होती है। यह अध्ययन वैक्सीन के प्रभाव का निर्धारण करने में मददगार साबित हो सकता है।’
शोधकर्ताओं ने पाया कि कई बीमारियों के लक्षण और दवाओं की प्रतिक्रिया दिन के समय में भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, फेफड़े की बीमारियों से पीडि़तों को दिन के एक निश्चित समय में ज्यादा परेशानी होती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लेने वाले बुजुर्ग पुरुषों के एक अध्ययन से पता चला कि जब उन्हें दोपहर की तुलना में सुबह टीका लगाया गया तो उनमें एंटीबाडी का स्तर अपेक्षाकृत कम था।
हालिया अध्ययन में ब्रिटेन के 2,190 स्वास्थ्य कर्मियों पर कोविड टीकाकरण का परीक्षण किया गया। शोधकर्ताओं ने टीकाकरण के दिन के समय, टीके के प्रकार, उम्र, लिंग और टीकाकरण के बाद के दिनों की संख्या के आधार पर लोगों में विकसित एंटीबाडी के स्तरों पर प्रभाव की जांच के लिए एक माडल बनाया। उन्होंने पाया कि एंटीबाडी प्रतिक्रियाएं सामान्य रूप से उन सभी में ज्यादा थीं जिन्होंने दिन चढ़ने पर टीका लगवाया था।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे पहले कि हम यह सिफारिश करें कि जो लोग वैक्सीन से अतिरिक्त प्रतिरक्षा में बढ़ोतरी चाहते हैं तो वे दोपहर के लिए अपने टीके को शेड्यूल करें… हमें अपने अध्ययन को दोहराने और टीकाकरण पर शरीर की प्रतिक्रियाओं की बेहतर समझ विकसित करने की जरूरत है। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना की रोकथाम के लिए दिन के समय की परवाह किए बिना टीका लगवाना सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
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