What happens if I miss insurance payment-रूही ने मोबाइल फोन पर हेल्थ बीमा पॉलिसी लैप्स होने का मैसेज देखा तो मानो उनके काटे खून नहीं रहा. रूही पूरी तरह टूट चुकी थी. साथ ही मां की बीमारी के इलाज की उम्मीदें भी. रूही ने एक नामी हॉस्पिटल में उनके इलाज की पूरी तैयारी कर ली थी.
अब वह नया हेल्थ प्लान लेंगी तो उसमें मां की बीमारी का कवर शामिल नहीं होगा. रूही अकेली नहीं है, जिनकी पॉलिसी इस तरह लैप्स हो जाती हैं. क्योंकि वे समय पर प्रीमियम भरना भूल जाते हैं और फिर पछताना पड़ता है. इसकी पीड़ा कितनी होती है, यह तो भुगतभोगी ही जानता है. तो आइए समझते हैं हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लैप्स होने के क्या-क्या नुकसान हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.
अगर नहीं भरा हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम तो क्या होगा?
(1) कोई भी पॉलिसी यूं ही नहीं लैप्स हो जाया करती. प्रीमियम भरने की आखिरी तारीख के बाद भी अमूमन 15 दिन का ग्रेस पीरियड होता है. इस ग्रेस पीरियड में भी आप चूक गए तो बड़ा नुकसान होगा. हेल्थ इंश्योरेंस में कई ऐसी बीमारियां कवर होती हैं, जो बीमा की शुरुआत से कवर नहीं होतीं.
(2) ये बीमारियां दो से तीन साल बाद कवर होती हैं. इसे इंश्योरेंस की भाषा में वेटिंग पीरियड कहते हैं. ना चाहते हुए भी मौजूदा पॉलिसी लैप्स हो जाए तो ग्राहक को नई पॉलिसी लेनी होती है. इसके साथ ही उस बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड भी दोबारा जीरो से शुरू होता है. जैसा कि रूही की मां के साथ होगा.
(3) दूसरा बड़ा नुकसान है नो क्लेम बोनस का. अब आप पूछेंगे कि यह क्या बला है. आइए समझते हैं. अगर पॉलिसीधारक पूरे साल में कोई भी क्लेम नहीं लेता है तो कंपनी पॉलिसीधारक को इनाम के रूप में नो क्लेम बोनस देती है. यह दो तरह से मिल सकता है. पहला, कंपनी आपके कवर की राशि बढ़ा देगी. यह वृद्धि 25 से 100 फीसद तक हो सकती है. और दूसरा, कंपनी आपको प्रीमियम में डिस्काउंट देगी. प्रीमियम ना भरने पर पॉलिसी लैप्स होने के साथ ही आपके नो क्लेम बोनस पर भी पानी फिर जाएगा.
(4) अब आप जान गए होंगे कि पॉलिसी का प्रीमियम भरना भूल जाना कितना भारी पड़ सकता है. आपके पास भी अगर हेल्थ इंश्योरेंस है, तो सचेत हो जाएं. हम आपको कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं, जिससे आप अपने प्रीमियम जमा करने की तारीख भूल नहीं पाएंगे
(5) सबसे पहला काम तो यह करें कि अपनी सभी पॉलिसियों के प्रीमियम की जो तारीख हैं, उनकी लिस्ट बना लें. अब किस तारीख को किस पॉलिसी का कितना प्रीमियम भरना है, उसका मोबाइल में रिमाइंडर सेट कर लें.आप प्रीमियम भुगतान के लिए ऑटोमैटिक ECS का विकल्प भी चुन सकते हैं. इससे प्रीमियम की आखिरी तारीख या उससे पहले ही आपके बैंक अकाउंट से प्रीमियम कट जाएगा.
(6) बीमा कंपनियों का कई बैंकों से टाइअप होता है. इन बैंकों के एटीएम से भी आप बीमा प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं. इसके लिए आपको पॉलिसी नंबर और डेबिट कार्ड नंबर के साथ बैंक में इस सर्विस के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.अगर आप आखिरी तारीख तक प्रीमियम भरने से चूक भी गए हैं तो ग्रेस पीरियड पूरा होने से पहले जरूर भर दें. नहीं, तो आपको क्या-क्या नुकसान होंगे, यह आप जान ही चुके हैं.
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