DGP मिले पुलिस परिवार के प्रतिनिधि मंडल से, कहा-आपकी मांग पर सहानुभूति पूर्वक होगा विचार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पुलिस परिवार के बैनर तले विभाग के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के परिजन अपनी 20 सूत्रीय से अधिक मांगों कर आंदोलनरत है। इस कड़ी में पुलिस परिवार के प्रतिनिधि मंडल के 11 सदस्यों ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा से मुलाकात की।

पुलिस परिवार का कहना था कि उनकी मांगों पर कई बार आश्वासन मिला है, लेकिन मांग को पूरी नहीं की जाती है। ऐसे में डीजीपी अशोक जुनेजा ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि आपकी मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार होगा।

पुलिस परिवार ने सोमवार पुलिस मुख्यालय के घेराव के लिए रणनीति बनाई थी और अलग-अलग जिले से पुलिसकर्मियों के परिजब रायपुर पहुंचे थे और घेराव करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस बल यह नाकाम कर दिया।

ये है मांग ?

• 2800 ग्रेड पे के हिसाब से सहा आरक्षकों को वेतन दिया जाए।
• सभी भत्ते सातवें वेतनमान के हिसाब से दिया जाए।
• ड्यूटी आठ घंटे के हिसाब से तीन पालियों में की जाए।
• साप्ताहिक अवकाश नियमित दिया जाये बार बार बंद ना किया जाए
• तृतीय श्रेणी पुलिस कर्मचारियों के मकान, शिक्षा व स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार
• तृतीय श्रेणी पुलिस कर्मचारियों के संघ (यूनियन) का गठन तत्काल किया जाए।
• अधिकारियों के द्वारा जवानों का शोषण करना बंद किया जाए।
• वाहन भत्ता दिया जाए।
• आधुनिक युग के हिसाब से पुलिस रेग्युलेशन में तत्काल बदलाव किया जाए।
• 8 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सभी जवानों को तत्काल पदोन्नत किया जाए ।
• किट पेटी बंद कर जवानों को नगदी रकम दिया जाए।
• पुलिस विभाग के सारे पद पदोन्नति परीक्षा के माध्यम से भरे जाएं बड़े पदों पर सीधी भर्ती बंद हो
• नक्सली आपराधिक मुठभेड़ या गस्त सर्चिंग के दौरान घायल जवानों को तत्काल पदोन्नती दिया जाए ।
• पुरानी पेंशन प्रक्रिया की बहाली की जाए।
• रिस्पांस भत्ता समस्त जिला बल सशस्त्र बल के जवानों को सामान रूप से दिया जाए क्षेत्र एवं स्थान आदि का भेद भाव न किया जाए।
• जवानों को अवकाश समय पर प्रदान किया जावे, बेवजह परेशान नहीं किया जावे।
• ट्रेड आरक्षकों एवं वाहन चालकों को प्रति आठ वर्ष में पदोन्नति दी जाए।
• फोर्स के जवानों से मजदूरों जैसा काम करवाना तत्काल बंद करवाया जाए एवं ऐसा कार्य करवाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किया जाए।
• भ्रष्ट अधिकारियों एवं जवानों का शोषण करने वाले शिकायतशुदा अधिकारियों के विरूद्ध तत्काल दण्डात्मक कार्यवाही किया जावे
• वर्षों से एक ही जिले में तैनात राजपत्रित / निरीक्षक / उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों का तत्काल अन्यत्र स्थानांतरण किया जाए जिससे भ्रष्टाचार में कभी आयेगी ।
• वर्षों से एक ही जिला या कार्यालय में तैनात लिपिक / स्टेनोग्राफर पद के कर्मचारियों का तत्काल स्थानांतरण किया जाए जिससे भ्रष्टाचार में कभी आयेगी ।
• 55 वर्ष से अधिक उम्र के तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों का नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती न की जाए।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]