व्हाट्सएप के जरिए वायरल (Whatsapp Viral News) की जा रही एक खबर ने चुनाव आयोग (Election Commission) की नींद उड़ा दी है. खबर के मुताबिक जो लोग वोट नहीं देंगे या वोट नहीं डालेंगे उनके 350 रुपए काट लिए जाएंगे. इस खबर के बारे में जब चुनाव आयोग को भनक लगी तो उसने तह तक पहुंचने की कोशिशें पहले तो अपने स्तर पर ही शुरू कर दीं. इसके बाद मामला गंभीर होता देख खबर की पड़ताल की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के हवाले कर दी.
चुनाव आयोग से मिली शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके उसकी जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरू कर दी है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) इस बात की जानकारी में जुटी है कि आखिर यह मनगढ़ंत खबर व्हाट्सएप ग्रुप्स में फैलाना कब और कहां से और किसने शुरू किया? वोट न देने पर व्हाट्सएप के जरिए ही 350 रुपए काट लिए जाने जैसी भ्रामक खबर, अब से पहले शायद ही कभी कहीं किसी ने हिंदुस्तान के किसी कोने में सुनी होगी.
‘अफवाह’ फैलाने के मकसद से फैलाई गई झूठी खबर!
हालांकि अभी पड़ताल शुरू ही हुई है. फिर भी दिल्ली पुलिस स्पेशल सूत्रों की मानें तो, इस खबर को उड़ाए जाने का मकसद सिर्फ और सिर्फ ‘अफवाह’ फैलाने से ज्यादा कुछ नहीं निकलेगा. यह हरकत किसी फालतू बैठे इंसान के फितूरी-खुराफाती दिमाग की उपज भर मालूम पड़ती है. बात चूंकि मतदाता, मतदान और चुनाव आयोग (Election Commission of India) से जुड़ी है. इसलिए इसकी तह में पहुंचना दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की प्राथमिकता भी है.
दिल्ली पुलिस ने जांच के लिए गठित की टीम
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) सूत्रों की मानें तो, चुनाव आयोग ने इस अजीबो-गरीब वायरल खबर की जांच के लिए लिखित शिकायत 1 दिसंबर 2021 को दी थी. मामला गंभीर था सो जांच भी दिल्ली पुलिस ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण स्पेशल सेल जैसी विंग के हवाले की है. इस बारे में लिखित शिकायत मिलते ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया था. जांच के लिए अपनी विशेष टीम भी गठित कर दी.
भ्रामक खबर फैलाने के पीछे आखिर क्या है मंशा?
भले ही यह किसी खुराफाती दिमाग की उपज हो. मगर संदिग्ध तक पहुंचना बेहद जरूरी है. क्योंकि इस तरह की अफवाहें आमजन को मानसिक-सामाजिक रुप से कहीं न कहीं प्रभावित जरुर करती हैं. साथ ही चुनाव आयोग भी इस बेबुनियाद खबर (Election Commission fake news) को फैलाने वाले तक पहुंचने के लिए उत्सुक है. ताकि पता चल सके कि इस भ्रामक खबर को फैलाने के पीछे आखिर मंशा क्या थी?
क्या इस खबर को फैलाने वाला सिर्फ और सिर्फ चुनाव आयोग की छवि धुमिल करना चाहता था. या फिर उसका मकसद किसी तरह से मतदाता को भी वास्तव में भ्रमित या कथित रुप से प्रभावित करने का था. फिलहाल इस बाबत दिल्ली पुलिस स्पेशल की इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक (IFSO) यूनिट की कई विशेष टीमें इस मामले का जांच में जुटी हैं. टीमों को कई महत्वपूर्ण सुराग भी हाथ लगे हैं.
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