06 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। ब्राजील में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में स्थित इस देश में दो नवजात बच्चों को गलती से कोरोनावायरस वैक्सीन लगा दी गई है. ब्राजीलियन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन लगने के बाद दोनों बच्चों को अस्पतालमें भर्ती करवाना पड़ा है. गौरतलब है कि दुनियाभर में अधिकतर 12 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही वैक्सीन लगाई जा रही है. कोरोनावायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन सबसे ज्यादा कारगर हथियार है और दुनियाभर में इस वजह से तेजी से वैक्सीनेशन किया जा रहा है.
यूओएल मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दो महीने की बच्ची और एक चार महीने के बच्चे को डिप्थीरिया, टेटनस (लॉकजॉ), पर्टुसिस (काली खांसी) और हेपेटाइटिस बी के खिलाफ इम्यून बनाने के लिए दी जाने वाली वैक्सीन की जगह कोविड-19 वैक्सीन की डोज लगा दी गई. दोनों नवजातों को फाइजर की वैक्सीन (Pfizer Vaccine) लगाई गई थी और इस वजह से दोनों को गंभीर रिएक्शन का सामना करना पड़ा. हालत गंभीर होने पर आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. जिस नर्स ने बच्चों को ये वैक्सीन लगाई थी उसे तुरंत सस्पेंड कर दिया गया.
ब्राजील के स्वास्थ्य नियामकों को दी गई जान से मारने की धमकी
इस मामले के सामने आने के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं. कई देशों में 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है. वहीं, ब्राजील के स्वास्थ्य नियामक अंविसा (Anvisa) ने जून में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए फाइजर/बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन (Pfizer/BioNtech Covid-19 vaccine) को मंजूरी दी थी. इस दौरान भी काफी विवाद हुआ था, क्योंकि अंविसा के वरिष्ठ प्रबंधन को जान से मारने की धमकी दी गई थी. एक ईमेल के जरिए धमकी दी गई थी और कहा गया था कि अगर वैक्सीनेशन को मंजूरी दी गई तो प्रबंधन के अधिकारियों की हत्या कर दी जाएगी.
जेयर बोल्सोनारो ने वैक्सीन को लेकर दिया विवादित बयान
ब्राजील में वैक्सीनेशन को लेकर शुरुआत में लोगों के बीच काफी आनाकानी देखने को मिली थी. इसके पीछे की वजह से ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) का वैक्सीन को लेकर दिया गया बयान रहा. दरअसल, बोल्सोनारो ने वैक्सीन लगवाने पर जानवर में तब्दील होने जैसे बयान दिए थे. वहीं, 24 अक्टूबर को उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन की सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज मिली हैं, उन्हें ‘एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम’ (एड्स) जल्दी हो रहा है.’ इस बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
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