कोरबा 6 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। काेयला खदानाें में उत्पादन में पहले से तेजी जरूर आ गई है, लेकिन चालू वित्तीय वर्ष के बचे हुए दिनाें में एसईसीएल प्रबंधन काे लक्ष्य अनुसार काेयला उत्पादन के लिए और जाेर लगाना हाेगा। एसईसीएल बीते अप्रैल माह से अब तक 79.43 मिलियन टन काेयला उत्पादन कर लिया है, जाे कंपनी के अब तक के लिए तय लक्ष्य से कम है।
कंपनी काे चालू वित्तीय वर्ष में 172 मिलियन टन काेयला उत्पादन करना है। इसलिए कंपनी काे अभी बचे 4 माह में 93 मिलियन टन और काेयला उत्पादन करना हाेगा। जिले में एसईसीएल के खदानों से होने वाले कोयला उत्पादन का असर एसईसीएल और कोल इंडिया के लिए निर्धारित लक्ष्य पर पड़ता है। इसलिए यहां हाेने वाले प्राेडक्शन प्राेग्रेस पर प्रबंधन की विशेष नजर रहती है, लेकिन कुसमुंडा, दीपका और गेवरा तीनाें ही मेगा प्राेजेक्ट अपने वर्तमान उत्पादन लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं।
कुसमुंडा खदान का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य 45 मिलियन टन है। यहां अब तक 15.58 मिलियन टन उत्पादन हुआ है। दीपका खदान का लक्ष्य 35 मिलियन टन है। यहां 18.25 मिलियन टन ही उत्पादन हुआ है। वहीं गेवरा खदान का वार्षिक लक्ष्य 47.5 मिलियन टन है, लेकिन यहां 22.48 मिलियन टन प्राेडक्शन हुआ है। तीनाें मेगा परियाेजना पीछे हैं, जबकि एरिया में स्थिति कुछ बेहतर है। यहां 4.86 मिलियन टन उत्पादन हुआ है।
गेवरा में हर दिन एक लाख टन से ज्यादा कर रहे प्राेडक्शन
कोल इंडिया व एसईसीएल को उत्पादन टारगेट तक पहुंचाने में एशिया की सबसे बड़ी ओपन कास्ट कोल माइंस गेवरा खदान से बड़ी मदद मिलती है। इन दिनों खदान से रोजाना 1 लाख टन से अधिक कोयला का उत्पादन हो रहा है। चालू वर्ष में परियोजना से 47.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है। वहीं गेवरा के साथ ही दीपका परियाेजना में भी पहले से ज्यादा काेयला उत्पादन हाे रहा है।
एमसीएल दूसरी कंपनियाें से आगे
काेल इंडिया की सबसे ज्यादा काेयला उत्पादन करने वाली कंपनी एसईसीएल है। लेकिन वर्तमान में एमसीएल एसईसीएल व अन्य कंपनियाें से उत्पादन में आगे हैं। एमसीएल ने अब तक के लिए तय लक्ष्य 100 मिलियन टन के मुकाबले 102 मिलियन टन काेयला उत्पादन कर लिया है। वहीं एनसीएल टारगेट के करीब है, एनसीएल अपने डेली प्राेडक्शन टारगेट काे पूरा करते हुए उत्पादन कर रहा है।
[metaslider id="347522"]