05 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। जबरन वसूली केस में आरोपपत्र में दावा किया गया है कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लिए सचिव वाजे ने पैसे इकट्ठा किए थे. निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को नंबर एक बताते हुए उनकी तरफ से वसूली करने का आरोप लगाया है. मुंबई पुलिस ने जबरन वसूली के एक मामले में आरोपपत्र में दावा किया है. ऐसा आरोप है कि सचिन वाजे के अनुसार वसूली का 75 प्रतिशत पैसा परमबीर सिंह के पास जाता था और बाकी पैसा वह रखता था.
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने उपनगरीय गोरेगांव में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और तीन अन्य के खिलाफ शनिवार को आरोपपत्र दाखिल किया. जानकारी के अनुसार 400 से ज्यादा पन्नों का आरोपपत्र मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट एसबी भाजीपाले के समक्ष दाखिल किया गया. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दाखिल ये पहला आरोपपत्र है. वो महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामलों में नामजद हैं. उन्हें इस हफ्ते की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था. आरोपियों में सुमित सिंह और अल्पेश पटेल जमानत पर हैं जबकि विनायक सिंह और रियाज भट्टी अभी फरार हैं.
क्या था परमबीर सिंह का कोडनेम?
आरोपपत्र के अनुसार तीन से चार गवाहों ने पुष्टि कि वाजे, परमबीर सिंह को नंबर वन बुलाता था और कहता था कि नंबर एक ने पैसा मांगा है. आरोपपत्र के मुताबिक वाजे को कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच करने के लिए कहा गया था. वो शहर के पुलिस प्रमुख से सीधे मुलाकात करता था. इसी के सात महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करता था और ये सब दिखाता है कि वो परमबीर सिंह का करीबी था. इसमें कहा गया है कि परमबीर सिंह, वाजे और अन्य आरोपियों के जरिए क्रिकेट सटोरिये के साथ एक होटल और बार मालिकों से पैसे मांगते थे और पैसे न देने पर उन्हें गिरफ्तार करने और उनके प्रतिष्ठानों पर छापे मारने की धमकियां देते थे
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