मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस जवानों को शासकीय आवास आवंटन का काम पूरी पारदर्शिता पर गंभीरता के साथ करने के निर्देश पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जवानों को आवास आवंटन का काम उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता के साथ किया जाए और काम में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। उन्होंने डीजीपी सहित पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षकों को इस कार्य को पूरी गंभीरता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस के जवान 24 घण्टे जनता की सेवा में लगे रहते हैं, उनकी समस्याओं का निराकरण जहां तक सम्भव हो सके तत्परता से किया जाना चाहिए, ताकि जवानों की भावनाएं आहत न हों और उनका मनोबल बना रहे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि डीजीपी स्वयं आवास संबंधी मामलों की समीक्षा करें और प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करें । प्रत्येक जिले में एसपी भी अपने जिलाबल के जवानों को आवास आवंटन के मामलों का प्राथमिकता से निराकरण करें और इसकी सतत समीक्षा करें।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पुलिस जवानों की समस्याओं के निराकरण के लिए शुरू से ही बेहद संवेदनशील हैं । अपराधों पर रोक लगाने के उद्देश्य से पुलिस जवानों की ड्यूटी बेहद अनुशासन और तनावपूर्ण रहती है। पुलिस जवानों का मानसिक तनाव कम हो और वे नवीन ऊर्जा के साथ कार्य कर सकें इसके लिये राज्य शासन द्वारा कई सालों से पुलिसकर्मियों की साप्ताहिक अवकाश की मांग को पूरा किया गया है। इस क्रम में विगत तीन वर्षों में पुलिसकर्मियों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनायें शुरू की गई हैं। पुलिस परिवार के करीब 72 हजार जवानों एवं उनके परिजनों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम प्रारंभ किये गये हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल हिंसा में शहीदों और उनके परिजनों के प्रति पूरी संवेदनशील है। शासन द्वारा नक्सल हिंसा में शहीद जवानों के आश्रित परिजनों को दी जाने वाली एक्सग्रेसिया राशि 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपये कर दी गयी है।
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