भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिली है. रिजर्व बैंक के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 26 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में गिरावट के साथ 640 अरब डॉलर के स्तर से नीचे आ गया है. मुद्रा भंडार में ये गिरावट फॉरेन करंसी एसेट्स और गोल्ड रिजर्व में आयी गिरावट की वजह से दर्ज हुई है
कहां पहुंचा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
रिजर्व बैंक के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 26 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में 2.71 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 637.68 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया. इससे पिछले यानि 19 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में मुद्रा भंडार 640.41 अरब डॉलर के स्तर पर था. विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट की प्रमुख वजह फॉरेन करंसी एसेट्स में आई गिरावट रही है. हफ्ते के दौरान फॉरेन करंसी एसेट्स 1.04 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 574.66 अरब डॉलर के स्तर पर आ गयी. इसके साथ ही हफ्ते के दौरान गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट देखने को मिली है. सप्ताह के दौरान देश का गोल्ड रिजर्व 1.56 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 38.82 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. इसके साथ ही आईएमएफ के साथ स्पेशल ड्राइंग राइट्स 7.4 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 19 अरब डॉलर के स्तर पर आ गये. आईएमएफ के पास देश की रिजर्व पोजीशन में भी इस हफ्ते के दौरान गिरावट देखने को मिली है और ये 2.5 करोड़ डॉलर की कमी के साथ 5.16 अरब डॉलर के स्तर पहुंच गये
कोविड के दौरान तेजी से बढ़ा भंडार
भले ही देश के विदेशी भंडार के ताजा आंकड़ों में गिरावट रही हो हालांकि रिजर्व अभी भी अपने ऊंचे स्तरों पर ही हैं. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कोविड के दौरान तेज बढ़त देखने को मिली है। 3 सितंबर 2021 को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के अबतक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा था. फिलहाल भंडार इसी स्तरों के करीब बना हुआ है. देश का मौजूदा भंडार डेढ़ साल से ज्यादा वक्त के आयात जरूरतों के लिए पर्याप्त है. दुनिया भर की कई बड़ी ब्रोकिंग एजेंसियों ने कोविड के दबाव के बीच भारत के ऊंचे मुद्रा भंडार को एक बड़ी सुरक्षा बताया है. अर्थव्यवस्थाओं में दबाव के बीच भारत की रेटिंग में असर न पड़ने की अहम वजह फॉरेक्स रिजर्व भी थे. साल 2004 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने पहली बार 100 अरब डॉलर की सीमा पार की थी, वहीं जून 2020 के पहले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया। जून के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार लगातार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर ही बना हुआ है
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