महिला कॉन्सटेबल से DSP और पूर्व सरपंच ने किया गैंगरेप:मथुरा-वृंदावन ले जाकर डरा-धमकाकर की वारदात, अफसर पर पहले भी लगे हैं छेड़छाड़ के आरोप..

कोटा03 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। महिला कॉन्स्टेबल से एक डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) और पूर्व सरपंच पर गैंगरेप का आरोप लगा है। मामला कोटा पुलिस का है, जहां डीएसपी तैनात है। पीड़िता की शिकायत के बाद बोरखेड़ा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। डीएसपी पर पहले भी छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं। पीड़िता ने 26 नवंबर को एसपी को शिकायत की थी। डीएसपी विजय शंकर शर्मा पर पहले भी ऐसे आरोप लगे हैं। 2 महीने पहले ही डिप्टी को उनके खराब आचरण के कारण सस्पेंड किया गया था।

गैंगरेप के बाद डीएसपी ने कहा-माफ नहीं किया तो कर लूंगा सुसाइड
अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया है कि कोटा ग्रामीण क्षेत्र के निलंबित डीएसपी विजय शंकर शर्मा और पूर्व सरपंच बद्री आर्य उसे मथुरा और वृंदावन लेकर गए और उसके साथ गैंगरेप किया। पीड़िता का यह भी आरोप है कि इस वारदात के बाद विजय शंकर उसके घर आए और माफी मांगी। माफ नहीं करने पर सुसाइड करने तक की धमकी दी।

आरोपी सरपंच चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था।

वृंदावन में परिक्रमा के बाद धर्मशाला में रेप, जांच अफसरों के हवाले
पीड़िता ने बताया कि 12 नवंबर को मैं ट्रेन से मथुरा पहुंची थी, जहां बद्री आर्य ने उसे फोन किया और उसे रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्म नंबर एक पर बुलाया। वहां उनके साथ विजय शंकर शर्मा भी मौजूद थे। उसे डरा धमका कर मथुरा से एक गाड़ी में बैठाकर जतीपुरा चले गए। यहां परिक्रमा के बाद उसे वृंदावन ले जया गया। जहां धर्मशाला में विजय शंकर ने रेप किया। 25 नवंबर को दोनों घर आए। विजय शंकर ने माफी मांगी और माफ नहीं करने पर सुसाइड की धमकी दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी है।

डीएसपी पर पहले भी दो बार लग चुका है छेड़खानी का आरोप
निलंबित डीएसपी पहले भी विवादों में रहे हैं। 2017 में भी नयापुरा थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद 2019 में इसी पीड़िता की ओर से बोरखेड़ा थाने में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था।

चुनाव लड़ने की तैयारी में था आरोपी पूर्व सरपंच
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि मामले में आरोपी बद्री आर्य जिला परिषद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। वह पूर्व में लुहावद से सरपंच रह चुका है। वहीं, तत्कालीन डीएसपी विजय शंकर शर्मा कोटा ग्रामीण में तैनात थे। ईटावा डीएसपी रहते हुए दो महीने पहले आचरण संबंधित शिकायत मिली थी। इसके बाद डीजीपी ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत उन्हें सस्पेंड कर दिया था

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