जांजगीर-चांपा, 30 नवम्बर (वेदांत समाचार) छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की किसान हितैषी नीतियों के का खेती किसानी यहां लाभ का ब्यावसाय बन गया है। पिछले तीन साल से राज्य में किसानों के लिए अनुकूल माहौल बना है। यही कारण है कि जांजगीर-चांपा जिले में गत वर्ष की तुलना में इस साल -12,413 न ए किसानों ने फसल बेचने नया पंजीयन कराया। खरीफ का रकबा 5,636 हेक्टेयर बढ़ गया।
जांजगीर-चांपा की पहचान कृषि प्रधान जिले की रूप में है। जिले का 90 प्रतिशत से अधिक का रकबा सिंचित है। विगत तीन वर्षाे में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसान हितैषी योजनाओं से खेती किसानी के प्रति किसानों का उत्साह बढ़ा है। किसान हितैषी योजनाओं के चलते जांजगीर-चांपा जिले में भी पंजीकृत किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है। किसानों की सहूलियत की दृष्टि से 7 नये उपार्जन केन्द्र इस वर्ष प्रारंभ किये गये हैं। इस प्रकार जिले में कुल 238 उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की व्यवस्था की गई है। खरीफ विपर्णन वर्ष 2021-22 में 2 लाख 22 हजार 858 किसानों ने पंजीयन करवाया है। विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 12 हजार 413 नये किसानों ने पंजीयन करवाया। कृषि रकबे में भी 1.01 प्रतिशत अर्थात 5,636 हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है।
छत्तीगसगढ़ सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए जिले में 7 नये उपार्जन केन्द्रों को मिलाकर कुल 238 उपार्जन केन्द्र हो गये है। इन 7 नये केन्द्रों के गठन से आसपास के किसानो को अब पास के ही उपार्जन केन्द्र में ही धान बेचने की सुविधा मिलेगी। इससे उन्हे भीड़भाड़ और लंबी लाईन लगानी नही पड़ेगी। परिवहन व्यय भी कम होगा। इससे समय व पैसे की बचत होगी।
नये उपार्जन केन्द्रों में अकलतरा तहसील के ग्राम तागा उपार्जन केन्द्र में तागा व धनवा गांव के किसान धान विक्रय करेंगे। इसी प्रकार जांजगीर तहसील के उपार्जन के बुढेना में अवरीद व बुढेना को संलग्न किया गया है। तहसील डभरा के पलसदा उपार्जन केन्द्र में बिरहाभांठा, परसदा और बिलाईगढ़ को शामिल किया गया है। बलौदा तहसील के बुड़गहन उपार्जन केन्द्र में ग्राम कटरा, वनग्राम, पनोरा, बुड़गहन इसी तहसील के बछौद उपार्जन केन्द्र में सुल्ताननार, नवापारा और बछौद को शामिल किया गया है। मालखरौदा के तहसील के नगझर उपार्जन केन्द्र में एक ही ग्राम नगझर के किसान धान बेचेंगे। गांव के नजदीक ही उपार्जन केन्द्र खुल जाने से किसानो में खुशी की लहर है। जिला प्रशासन द्वारा भी नव गठित उपार्जन केन्द्रो में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।
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