30 नवंबर (वेदांत समाचार)। सु्प्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या से जुड़े अवमानना का मामला जारी रखना चाहता है. विजय माल्या अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक लोन बकाया मामले में आरोपी है. देश की शीर्ष अदालत ने साथ ही इस मामले में सजा सुनाने के लिए इसे कार्यवाही में लिस्ट किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विजय माल्या की सज़ा पर आज (मंगलवार) ही बहस करेगा.
अदालत ने कहा कि माल्या के वकील हाजिर हो रहे हैं, इसलिए सजा पर वकील की सुनवाई को लेकर कोई रोक नहीं है, हम उस हिस्से को सुनेंगे.
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 2 बजे विजय माल्या की सज़ा की बहस पर सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले विजय माल्या को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. लेकिन वे हाजिर नहीं हुए, इसलिए अवमानना की कार्रवाई शुरू की गई है. शीर्ष अदालत ने इससे पहले विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उसने कोर्ट के 2017 के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था. इस मामले में कोर्ट ने उसे न्यायिक आदेशों का उल्लंघन कर अपने बच्चों को चार करोड़ अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर करने के लिए अवमानना का दोषी ठहराया था.
क्या कहा अदालत ने
इस साल 18 जनवरी को केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि सरकार माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है, लेकिन कुछ कानूनी मुद्दों के कारण इसमें देरी हो रही है. माल्या के खिलाफ अवमानना का मामला मंगलवार को जस्टिस यू. यू. ललित, जस्टिस एस. आर. भट और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की एक बेंच के सामने सुनवाई के लिए आया. बेंच ने कहा, ‘हम एक आदेश पारित करना चाहते हैं कि हम मामले को सजा पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे क्योंकि (माल्या के) वकील का पेश होना जारी है. इसलिए, सजा पर वकीलों के बयान को सुनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. हम इस पर आगे बढ़ेंगे.’
सरकार की ये है दलील
केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता रजत नायर ने पीठ को बताया कि इस मामले को देख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एक अन्य अदालत में बहस कर रहे हैं. नायर ने शीर्ष अदालत से कहा, ‘उनके (मेहता) पास निर्देश है. वह पहले ही विदेश मंत्रालय में संबंधित अधिकारियों से बात कर चुके हैं. अगर इस मामले को कल या उसके अगले दिन लिया जा सकता है, तो वह दलील पेश करेंगे.’ बेंच ने कहा कि वह दिन में दो बजे मामले की सुनवाई करेगी. बेंच ने नायर से कहा, ‘सॉलिसिटर जनरल से पूछें, अगर वह खाली हैं, तो कृपया यहां आएं. यदि कोई लिखित निर्देश या कोई संदेश है, तो कृपया हमें उसकी कॉपी दें.’
क्या है पूरा मामला
माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है. वह अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक लोन चूक मामले में एक आरोपी है. वह स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस द्वारा तामील कराए गए एक प्रत्यर्पण वारंट मामले में जमानत पर है. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 2 नवंबर को केंद्र से भारत में माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन में कानूनी कार्यवाही पर छह सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. केंद्र ने पिछले साल 5 अक्टूबर को शीर्ष अदालत को बताया था कि माल्या को भारत में तब तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता जब तक कि ब्रिटेन में एक अलग ‘गुप्त’ कानूनी प्रक्रिया का समाधान नहीं हो जाता, जो ‘न्यायिक और सीक्रेट है.’
केंद्र ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि उसे ब्रिटेन में माल्या के खिलाफ चल रही गुप्त कार्यवाही की जानकारी नहीं है क्योंकि भारत सरकार इस प्रक्रिया में पक्षकार नहीं है. सरकार ने पहले अवमानना मामले में शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि ब्रिटेन में लंबित कानूनी मुद्दा ‘प्रत्यर्पण प्रक्रिया से बाहर और अलग’ है और ‘गोपनीय है और इसका खुलासा नहीं किया जा सकता है.’ शीर्ष अदालत ने अक्टूबर, 2020 में माल्या के वकील से कहा था कि वह पिछले साल 2 नवंबर तक शीर्ष अदालत को अवगत कराएं कि उसके प्रत्यर्पण को लेकर किस तरह की ‘गुप्त’ कार्यवाही चल रही है.
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